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धान, मक्का, कपास की खेती के लिए एडवाइजरी, इस राज्य के किसान दें ज्यादा ध्यान

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने पंजाब के किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें किसानों के लिए जरूरी सलाह दी गई है कि वह इस मौसम में जानवरों और फसलों की देखभाल कैसे करेंगे...

निशा थापा
Advisory for punjab farmers
Advisory for punjab farmers

मानसून के आगमन के बीच मौसम विभाग चंडीगढ़ ने पंजाब के किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. जिसमें किसानों के लिए जरूरी सलाह दी गई है कि वह कैसे अपनी फसल का ध्यान रख सकते हैं और पशुओं पर कैसे ध्यान देना है?  

धान की खेती के लिए जरूरी सलाह

  • धान के खेत में केवल दो सप्ताह तक पानी को रोक कर रखें और उसके बाद तालाब का पानी मिट्टी में मिल जाने के दो दिन बाद सिंचाई करें.

  • धान रोपाई के 3 और 6 सप्ताह के बाद 30 किलो यूरिया प्रति एकड़ की दूसरी और तीसरी खुराक डालें.

  • रूके पानी में शाकनाशी का छिड़काव न करें और छिड़काव के एक दिन बाद सिंचाई की जा सकती है.

  • बारिश की संभावना के कारण, किसानों को अपने छिड़काव कार्यों में देरी करनी चाहिए.

कपास की खेती के लिए जरूरी सलाह

  • कपास की किस्मों में 33 किलो यूरिया/एकड़ और पतले होने के बाद बीटी/गैर बीटी संकरों में 45 किलो यूरिया/एकड़ डालें.

  • पीएयू-एलसीसी का उपयोग बीटी कपास में आवश्यकता आधारित एन लागू करने के लिए भी किया जा सकता है. उन स्थितियों में जहां यह बाद में उभरता है.

  • पहली सिंचाई या बारिश की बौछार के साथ, स्टॉम्प 30 ईसी @ 1 लीटर/एकड़ 200 लीटर पानी में घोलें.

  • कपास के पौधों में पैराविल्ट की रोकथाम कोबाल्ट क्लोराइड @ 10 मिलीग्राम/लीटर पानी को प्रभावित पौधों पर मुरझाने के प्रारंभिक चरण में छिड़काव करके किया जा सकता है.

मक्का की खेती के लिए जरूरी सलाह

  • बारिश की संभावना के कारण, किसानों को मक्का की फसल में बारिश के पानी को जमा नहीं होने देना चाहिए, क्योंकि यह फसल जमा पानी के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है और बैक्टीरिया से खराब हो सकती है.

  • यदि वर्षा के कारण क्षति होती है, तो फसल की बाढ़ समाप्त होने के बाद ही साप्ताहिक अंतराल पर 3% यूरिया (200 लीटर पानी में 6 किग्रा यूरिया) प्रति एकड़ के दो छिड़काव करें.

जानवरों का ऐसे रखें ध्यान

गाय

  • विशेष रूप से युवा बछड़ों के लिए साफ, सूखा और अच्छा बिस्तर उपलब्ध कराएं. बछड़ों को उनके जन्म के 30 मिनट के भीतर कोलोस्ट्रम खिलाना चाहिए.

  • पशुओं को नियमित रूप से सुबह और शाम गर्मी के लक्षणों जैसे श्लेष्म स्राव, पेट फूलना आदि के लिए देखें. पशु को नियमित रूप से खनिज मिश्रण खिलाएं और ताजा पानी दें.

  • पशुओं को अत्यधिक गर्मी से बचाने के लिए उन्हें हवादार, हवादार शेड के अंदर रखना चाहिए. दूध उत्पादन में गिरावट को रोकने के लिए अधिक उपज देने वाले पशुओं को उनकी आवश्यकता के अनुसार कूलर और पंखे उपलब्ध कराए जाने चाहिए.

भैंस

  • डेयरी पशुओं को हरे अंकुरित, सड़े हुए या गंदे आलू न खिलाएं, ये गंभीर और घातक साबित हो सकता है.

  • नियमित गर्भावस्था जांच के लिए कृत्रिम गर्भाधान के 3 महीने बाद अपने पशुओं की जांच कराएं.

किसानों को सलाह दी जा रही है कि आम, लीची, अमरूद, लोकेट, बेर, आंवला और पपीता जैसे सदाबहार फलों के पौधे लगाने के लिए जुलाई का महीना आदर्श समय है, इसलिए इस महीने में इनकी फसलों के उत्पादन पर विशेष ध्यान दें.

English Summary: imd issued crop advisory for the punjab farmer Published on: 06 July 2022, 09:46 PM IST

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