1. Home
  2. ख़बरें

Subsidy Scheme: किसानों को मिल रहा 9000 रुपए प्रति एकड़ का अनुदान, अभी उठाएं लाभ

छत्‍तीसगढ़ राज्य के किसानों को दहलन की फलल में उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से अनुदान दिया जा रहा है.

निशा थापा

किसानों को बढ़ावा देने के लिए छत्‍तीसगढ़ सरकार ने दलहन की फसलों पर सब्सिडी देने का ऐलान किया है. बता दें कि धान की जगह दलहन की फसल का उत्पादन करने वाले राज्य के किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी.

सरकार का कहना है कि राज्य में दालों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों से अरहर और उड़द की खरीदी के लिए अधिक पैसे दिए जा रहे हैं. बता दें कि राज्य सरकार दालों को 6600 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 8000 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है. ऐसा पहली बार नहीं की सरकार दलहन की फसलों को बढ़ावा देने के लिए इस तरह की स्कीम लेकर आई है.

सरकार के पिछले वर्षों में किए गए प्रयासों की बदौलत दलहन की फसलों में बढ़ोतरी हुई है. जिसके परिणामस्वरूप राज्य में कुल 11 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में दलहन की फसलों को उत्पादन किया जा रहा है. ऐसे में सरकार को उम्मीद है कि आगामी 2 वर्षों में 15 लाख हेक्टेयर में दलहन की फसल का उत्पादन किया जाएगा. 

किसानों को कम करनी होगी धान की खेती

सरकार ने इस सब्सिडी योजना के साथ यह भी कहा है कि किसानों को धान की खेती में कमी करने के साथ दलहन की फसलों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी करनी होगी. आपको बता दें कि धान की फसल के उत्पादन के लिए पानी की भारी मात्रा की आवश्यकता होती है.

यह भी पढ़ें : Tractor Training: ट्रैक्टर चलाना सीख रही हैं केरल की महिलाएं, अब खेती में होगी उनकी भागीदारी

1 किलो चावल के लिए लगभग 2.5 हजार लीटर पानी की आवश्यता होती हैं. यदि धान का उत्पादन कम कर दिया जाए तो इस पानी से दलहन की अच्छी पैदावार हो सकती है. साथ में पानी की भी बचत होगी.

English Summary: farmers of chhatisgarh are being given subsidy of 9 thousand rupees per acre for the cultivation of pulses Published on: 18 August 2022, 05:48 PM IST

Like this article?

Hey! I am निशा थापा . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News