पेंच कमांड के अंतर्गत किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने की दिशा में अब 4 हजार 500 कुओं को मंजूरी दी गई है. पहले पेंच के अंतर्गत आनेवाले क्षेत्रों में कुंआ बनाने की अनुमति नहीं थी. सूखे की परिस्थिति होने के कारण यह प्रस्ताव नए जीआर में लाया गया है. नागपूर, भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गडचिरोली, वर्धा में कुल मिलाकर 13 हजार कुएं बनायें जाएंगे. पेंच प्रकल्प के अंतर्गत पानी का भूजल स्तर कम होने के कारण किसानों के लिए कुएं बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए 2.50 लाख रुपए दिए जाएंगे. इसके लिए करीब 1200 करोड़ रुपए मंजूर किए गए है. उन्होंने बताया की डब्ल्यूसीएल का पानी भी पेंच में छोड़ने के कार्य पर भी काम होगा. कुएं के सब्सिडी पर 1 से 5 एकड़ वाले किसानों को पहली प्राथमिकता दी जाएगी. उसके बाद 5 से 10 एकड़ वाले किसानों को इसका लाभ दिया जाएगा. 26 फरवरी को लाभार्थियों का आकड़ा जारी किया जाएगा . किसानों को कुए के लिए सब्सिडी देने के लिए कर्जमाफी के डाक्यूमेंट्स का आधार लिया जाएगा. जिन किसानों को सात बारा के आधार पर कर्जमाफी हुई थी. उनके डाक्यूमेंट्स के आधार पर उन्हें आवेदन करने पर कुएं की सब्सिडी का लाभ दिया जाएगा, उन्हें फिर से डॉक्यूमेंट देने की जरुरत नहीं है.
चौराई डैम से मांगा जाएगा पानी
मध्यप्रदेश के चौराई डैम में 95 प्रतिशत पानी है. वहां की सरकार को 5 एमएलडी पानी के लिए पत्र दिया गया है. लेकिन उन्होंने अभी तक न ही हां बोला है और न ही ना कहा है. इसलिए अगले हफ्ते मुख्यमंत्री से मिलने की योजना है. चौराई डैम के कारण तोतलाडोह में पानी नहीं है. महाराष्ट्र को पानी देने के लिए उनसे मिला जाएगा. उन्होने बताया की नाग नदी, डब्ल्यूसीएल के पानी को 0 डिस्चार्ज कर लिफ्ट एग्रीडिशन किया जा रहा है. सभी नालों को एक साथ जोड़ा जाएगा. इसके लिए भी 1200 करोड़ रुपए मंजूर किए गए है.
तीन दिन में जिला परिषद् के स्कूलों का जोड़ा जाएगा बिजली कनेक्शन
कुछ दिन पहले बिजली बिल नहीं भरने के कारण करीब 322 जिला परिषद् की स्कूलों का कनेक्शन काटा गया था. स्कूल विभाग की ओर से यह मांग की गई थी कि उनकी कैटेगरी चेंज की जाए. जिसके अनुसार अब गवर्नमेंट पब्लिक सेक्टर के कैटगरी में उन्हें रखा गया है. बावजूद इसके वे बिल नहीं भर रहे है. बिजली बिल स्कूलों को भरना ही होगा. हालांकि उन्हें 31 मार्च तक मोहलत दी गई है और 3 दिन में जिन स्कूलों की बिजली काटी गई है, उन्हें कनेक्शन दिया जाएगा. इसके लिए स्कूलों को प्रस्ताव देना होगा.
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