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Diabetes Type-2 का रामबाण करते हैं रसोई में मौजूद ये 4 मसाले

डायबिटीज टाइप-2 (Diabetes Type-2) के रोगियों के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही अगर इस डाइट में रसोई में मौजूद कुछ खास मसालों को शामिल कर लिया जाए, तो डायबिटीज टाइप-2 के रोगियों के लिए और अच्छा रहेगा.

कंचन मौर्य
Ddiabetes Treatment
Ddiabetes Treatment

डायबिटीज टाइप-2  (Diabetes Type-2)  के रोगियों के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल पर खास ध्यान देना चाहिए. इसके साथ ही अगर इस डाइट में रसोई में मौजूद कुछ खास मसालों को शामिल कर लिया जाए, तो डायबिटीज टाइप-2 के रोगियों के लिए और अच्छा रहेगा.

बता दें कि डायबिटीज टाइप-2 (Diabetes Type-2)  के रोगियों को हल्दी, मेथी, दालचीनी और तुलसी को डाइट में शामिल करना चाहिए. बता दें कि मसालों का सेवन पूरे विश्व में किया जाता है, लेकिन हमारे देश में मसालों को कुछ ज्यादा ही चाव से खाया जाता है.

एक तरफ मसाले हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, तो दूसरी तरफ अन्य कई बीमारियों से रक्षा करते हैं. इसी तरह डायबिटीज के रोगियों के लिए मसालों का सेवन बड़ा फायदा दे सकता है. आइए जानें किस तरह ये 4 मसाले डायबिटीज टाइप-2 (Diabetes Type-2) में फायदा पहुंचाते हैं.  

हल्दी (Turmeric)

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जो कि एंटी-ऑक्सीडेंट्स की तरह कार्य करता है. ये डायबिटीज के इलाज के लिए फादयेमंद है. इसके अलावा  हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण भी पाए जाते हैं, जिससे डायबिटीज की समस्या का खतरा कम होता है.

मेथी (Fenugreek)

हर घर में मेथी का इस्तेमाल होता है. कई लोगों को मेथी के पत्तों से बना साग बहुत पसंद होता है. मगर क्या आप जानते हैं कि ये डायबिटीज में बहुत लाभकारी होता है. बता दें कि मेथी का सेवन पाचन की प्रक्रिया और कार्ब्स को एब्जॉर्ब करने की क्षमता को धीमा करता है. इससे ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल होता है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है.

तुलसी (Basil)

इम्युनिटी में सुधार करने के लिए तुलसी का सेवन जरूर करना चाहिए, साथ ही शरीर को मजबूत बनाने के लिए इसका सेवन अच्छा माना गया है. एक्सपर्ट की मानें, तो ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में तुलसी बहुत मददहार साबित है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है. इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है.   

दालचीनी (Cinnamon)

इसमें एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल व एंटी-ऑक्सीडेंट्स जैसे गुण पाए जाते हैं, साथ ही इनमें एंटी-इंफ्लेमेट्री का प्रभाव भी होता है. ऐसे में दालचीनी के सेवन से डायबिटीज टाइप 2 से ग्रस्त होने का खतरा कम होता है. इसके अलावा, दालचीनी में मिथाइल हाइड्रॉक्सी चालकोन पॉलीमर भी होता है, जो कि ग्लूकोज के अपटेक को नियंत्रित करता है. इस लिहाज से दालचीनी का सेवन करना फायदेमंद होता है.

जानकारी के लिए बता दें कि आज के समय में डायबिटीज़ यानी मधुमेह की बीमारी काफी तेज़ी से अपना पैर पसार रही है. ऐसे में आप गलत दिनचर्या, खानपान और तनाव की वजह से डायबिटीज़ के शिकार हो सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि आप अपनी सेहत का खास ख्याल रखें.  

(यह लेख सामान्य जानकारी के लिए हैं. अगर आपको कोई बीमारी या संक्रमण के लक्षणों हैं, तो एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)
English Summary: diabetes type-2 treatment Published on: 14 September 2021, 04:33 PM IST

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