वर्त्तमान काल में विज्ञान काफी आगे पहुँच गया है. विज्ञान के द्वारा हो रहे चमत्कारों ने लोगों को दाँतों तले उँगलियाँ दबाने पर मजबूर कर दिया है. ऐसा ही एक अविष्कार है कृत्रिम गर्भाधान जो कि पहले इंसानों का होता था लेकिन अब ये पशुओं में भी संभव होने लगा है.
जी हाँ ! सही पढ़ा आप ने वैज्ञानिकों ने अब पशुओं का भी कृत्रिम गर्भाधान तकनीक खोज निकला है. जो आज के समय में सफल भी रही है. पहले ये कृत्रिम गर्भाधान देसी गायों का किया गया था लेकिन अब ये बकरियों में भी हो चूका है. इससे पशुओं की नस्लों में सुधार होगा, शिशु मृत्युदर कम होगी, दूध उत्पादन में वृद्धि होगी. जिससे पशुपालकों को भी काफी फायदा और आय के साधन बढ़ेंगे. तो आज हम अपने इस लेख में इसके बारे में विस्तार से बताएँगे.
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कैसे करें ?( How to do artificial insemination in animals?)
कृत्रिम गर्भाधान एक ऐसी कला है, जिसमें नर पशु से वीर्य (Semen) लेकर उसको विभिन्न क्रियाओं के जरिए संचित किया जाता है.
यह वीर्य तरल नाइट्रोजन में कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है. बता दें कि संचित किए हुए वीर्य को मद में आई मादा के गर्भाशय में रखने से मादा पशु का गर्भाधान किया जाता है. गर्भाधान की इस क्रिया को कृत्रिम गर्भाधान कहते हैं. अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें
देसी गायों का कृत्रिम गर्भाधान कर मिलेंगी अच्छी नस्ल (Artificial insemination of indigenous cows will give good breed)
पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के जरिए कम दूध देने वाली देसी गायों की नस्लों में बदलाव कर दुधारू बनाया जा रहा है. सरकार का मानना है कि इस तरह से देसी गायों का कृत्रिम गर्भाधान कर अच्छी नस्ल से गर्भाधान कर दूध उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है. अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें
बकरियों की नस्लों में कृत्रिम गर्भाधान से होगा सुधार (Artificial insemination will improve goat breeds)
इस तकनीक से बकरियों के झुंड को एक समय पर भी गर्भाधरण करवा कर बच्चों की प्राप्ति कर सकते हैं.
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ऐसे में एक साथ सब का गर्भधान होने से इनकी देखभाल भी अच्छे से हो पाएगी. बकरियों के शिशु मृत्यु दर मे भी कमी आएगी. अधिक जानकारी के लिए लिंक पर क्लिक करें
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