1. Home
  2. पशुपालन

Bioflox Technology: मछली पालन की बेहतरीन तकनीक, जिसमें कर सकते हैं कई प्रजातियों का पालन

आधुनिक दौर में मछली पालन की एक नई तकनीक को ज्यादातर अपनाया जा रहा है. इस तकनीक द्वारा कम लागत और कम पानी में ज्यादा मछलियों का पालन किया जा सकता है. इसको बायोफ्लॉक तकनीक से जाना जाता है. आपने इस तकनीक के विषय में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं, इस तकनीक द्वारा आप किन-किन प्रजातियों की मछलियों का पालन कर सकते हैं?

कंचन मौर्य
कंचन मौर्य

आधुनिक दौर में मछली पालन की एक नई तकनीक को ज्यादातर अपनाया जा रहा है. इस तकनीक द्वारा कम लागत और कम पानी में ज्यादा मछलियों का पालन किया जा सकता है. इसको बायोफ्लॉक तकनीक से जाना जाता है. आपने इस तकनीक के विषय में जरूर सुना होगा, लेकिन क्या आप जानते हैं, इस तकनीक द्वारा आप किन-किन प्रजातियों की मछलियों का पालन कर सकते हैं?

सबसे पहले आपको बता दें कि यह एक आधुनिक और वैज्ञानिक तरीका है, जिससे मत्स्य पालक को अच्छा रोजगार मिलेगा, बल्कि इसके माध्यम से किसान तालाब की बिना खुदाई कर केवल एक टैंक में मछली पालन कर सकता है. यह मुनाफ़ा कमाने की एक बेहतरीन तकनीक है. खास बात है कि इस तकनीक में कई प्रजातियों की मछलियां पाली जा सकती हैं, जिनकी बाजार में ज्यादातर मांग होती है.

बायोफ्लॉक तकनीक में पालन योग्य मछलियां

  • पंगेसियस

  • तिलापिया

  • देशी मांगुर

  • सिंघी

  • कॉमन कार्प

  • पाब्दा

  • कॉमन कार्प

बायोफ्लॉक्स तकनीक क्या है?

इस तकनीक द्वारा कम लागत और कम जगह में मछली उत्पादन हो सकता है. इसमें एक टैंक सिस्टम में मछलियों को पाला जाता है. बता दें कि यह सिस्टम में बैक्टीरिया के मल और अतरिक्त भोजन को प्रोटीन सेल में परिवर्तित करता है. इसके बाद यह मछलियों के भोज्य पदार्थ में काम आता है. बता दें कि इनमें बायोफ्लॉक्स, शैवाल, बैक्टीरिया, प्रोटोजोअन और कार्बनिक पदार्थों शामिल हैं. इसमें लगभग 25 से 50 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है. इसके साथ ही लगभग 5 से 15 प्रतिशत वसा होती है.

इस तकनीक में हमेशा पड़ती है बिजली की जरूरत

आपको बता दें कि इस तकनीक में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था रखनी चाहिए. इसमें एक ऐरोबिक बैक्टीरिया पलता है, जिससे जीवित रहने के लिए हमेशा हवा की आवश्यकता पड़ती है. इस सिस्टम में बिना बिजली के मछली पालन नहीं हो सकता है.

आवश्यक संसाधन

  • सीमेंट टैंक

  • तारपोलिन टैंक

  • एयरेशन सिस्टम

  • बिजली उपलब्धता

  • प्रोबायोटिक्स

  • मत्स्य बीज

मछली पालन करने में आर्थिक लाभ

अगर इस तकनीक द्वारा मंहगी मछलियों का उत्पादन किया जाए, तो इससे लाखों रुपए का मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर 10 हजार लीटर का टैंक है, तो इसमें लगभग 32 हजार रुपए की लागत लगती है, जो 5 साल तक काम आता है.

बायोफ्लॉक्स तकनीक के फायदे

  • कम लागत

  • पानी की बचत

  • सीमित जगह में मछली पालन

  • श्रमिक की कम लागत

  • चोरी का खतरा नहीं


इस तकनीक द्वारा मछली पालन लाभकारी साबित हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर लोग मछली खाना पसंद करते हैं. बाजार में मछली की मांग बढ़ती जा रही है. यह एक स्वादिष्ट, प्रोटीन और विटामिन वाला स्रोत है. भारत सरकार ने मछली पालन के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं. बता दें कि मछली पालन के लिए सरकार की तरफ से सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है. इसके अलावा एससी, एसटी समेत कमजोर वर्ग के लोगों के लिए 60 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है.

ये खबर भी पढ़ें: किसानों के मित्र हैं ये कीट, फसल से शत्रु कीट को नष्ट कर बढ़ाते हैं उत्पादन

English Summary: Fish farming with Bioflox Technology Published on: 22 April 2020, 04:46 IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News