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पशुपालकों के लिए एडवाइजरी- गाय, भैंसों से ज्यादा दुग्ध उत्पादन लेने के लिए इस इंजेक्शन का प्रयोग कानून अपराध

दुधारु पशुओं से ज्यादा दूध उत्पादन लेने के लिए अक्सर किसान एलोपेथिक दवाओं और टीका का सहारा ले लेते हैं. हालांकि ये दवाएं पशुओं के लिए हानिकारक होती हैं.

मनीष कुमार
मनीष कुमार
गाय और भैंसों पर इस इंजेक्शन का उपयोग कानून अपराध की श्रेणी में आता है. इस कानून के मुताबिक ऑक्सीटोसिन का उपयोग करने पर पशुपालकों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)
गाय और भैंसों पर इस इंजेक्शन का उपयोग कानून अपराध की श्रेणी में आता है. इस कानून के मुताबिक ऑक्सीटोसिन का उपयोग करने पर पशुपालकों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. (प्रतीकात्मक फोटो-सोशल मीडिया)

खेतीबाड़ी के बाद पशुपालन ही ऐसा व्यवसाय जिस पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था टिकी हुई है. पशुपालक दूध के लिए गाय, भैंस और बकरी पालन सबसे बड़े स्तर पर होता है. हालांकि कई बार देखा गया है पशुपालक दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए बिना सोचे-समझे मवेशियों की सेहत के लिए घातक दवाओं और टीका का सहारा लेते हैं.

ऑक्सीटोसिन भी इसी तरह का एक इंजेक्शन है. गाय और भैंसों पर इस इंजेक्शन का उपयोग कानून अपराध की श्रेणी में आता है. इस कानून के मुताबिक ऑक्सीटोसिन का उपयोग करने पर पशुपालकों को जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इस खबर में समझने का प्रयास करते हैं कि कैसे ये टीका पशुओं के साथ-साथ इंसानों की सेहत पर भी दुष्प्रभाव ड़ालता है.

जब गाय-भैंस या अन्य दुधारु मवेशी गर्भवती रहती हैं तो प्रसव के समय चिकित्सक बहुत जरूरत पड़ने पर ये इंजेक्शन लगाता जा सकता है. हालांकि कई बार डेयरी संचालक मवेशियों से ज्यादा दुग्ध उत्पादन लेने के लालच में अपने पशुओं को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगा देते हैं. इससे गाय-भैंसो या अन्य दुधारु पशुओं की दूध ग्रंथियों में उत्तेजना बढ़ जाती है.

इससे अप्राकृतिक रूप से इन पशुओं के थनों से दूध बहने लगता है. इसके साथ ही इंजेक्शन के बार-बार प्रयोग से पशु ऑक्सीटोसिन दवा के आदी हो जाते हैं. इसके बाद गाय-भैंस बिना इंजेक्शन के दूध नहीं दे पातीं हैं.

प्रयोग करने पर आईपीसी की धारा के तहत मिलेगा दंड

गाय-भैंसों पर ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल करना कानूनन अपराध है. आईपीसी की धारा-429 और पशु क्रुरता अधिनियम 1960 के सेक्शन-12 में इसे दंडनीय अपराध कहा गया है. इस प्रावधान के तहत पशुपालकों को इस टीके का प्रयोग हवालात ले जा सकता है.

ये भी पढ़ें- मवेशियों में थनेला से बचाव के लिए शोधकर्ताओं ने इम्यूनिटी बूस्टर ‘करक्यूमिन कंपाउंड’ खोजा

इंजेक्शन प्रभावित दूध के उपयोग से लड़कियों में हो रही अर्ली प्यूबर्टी

पशु चिकित्सकों के मुताबिक ऑक्सीटोसिन टीके से पशुओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. इसके साथ ही कई मामले ऐसे देखे गए हैं. इंजेक्शन प्रभावित दूध के उपयोग से लड़कियों में अर्ली प्यूवर्टी के लक्षण पाए गए हैं. प्रभावित के दूध के प्रयोग से महिलाओं में गर्भपात की समस्या हो सकती है.

English Summary: advisory for cattle owners use of this injection to get more milk from cows and buffaloes is an IPC crime Published on: 10 November 2022, 02:36 IST

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