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Goat Farming Business: बकरी पालन की शुरुआत कैसे करें और सरकार इसमें क्या सहायता प्रदान करती है?

Goat Farming Business: किसानों के लिए बकरी पालन (Goat Farming) एक बेहतरीन और लाभकारी व्यवसाय है. अगर कोई किसान 100 बकरियों से बकरी पालन की शुरुआत करता है, तो वह सभी खर्चों के बाद बकरी पालन बिजनेस (Goat Farming Business) से मासिक 50,000 रुपये तक कमा सकता है.

विवेक कुमार राय
बकरी पालक एवं पशुधन निरीक्षक राजेंद्र कुमार

Goat Farming Business: बकरी पालन (Goat Farming) आजकल किसानों के लिए एक बेहतरीन और लाभकारी व्यवसाय बन चुका है. इसे पारंपरिक व्यवसाय के रूप में देखा जाता है, लेकिन जब इसे सही तरीके से किया जाए, तो यह एक बहुत ही मुनाफेदार कारोबार साबित हो सकता है. राजेंद्र कुमार, जो कि राजस्थान के बालोतरा जिले में पशुधन निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं, उनका यह अनुभव बहुत ही प्रेरणादायक है. उन्होंने बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) को अपनी अतिरिक्त आमदनी का अच्छा स्रोत बना लिया है और अब वह इसके लाभ और महत्व को समझते हैं.

ऐसे में आइए आज राजेंद्र कुमार से जानते हैं बकरी पालन व्यवसाय (Goat Farming Business) क्यों लाभकारी है, इसे किसानों को क्यों शुरू करना चाहिए, और बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए सरकार क्या सहायता देती है- 

बकरी पालन की शुरुआत: राजेंद्र कुमार का अनुभव

राजेंद्र कुमार का कहना है कि उनके परिवार में हमेशा से बकरी पालन होता आया है, लेकिन 7-8 साल पहले उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर इसे व्यावसायिक स्तर पर शुरू किया. 2017 में जब उन्होंने पशुधन निरीक्षक के रूप में सरकारी नौकरी जॉइन की, तब उन्होंने महसूस किया कि बकरी पालन एक अच्छा और लाभकारी व्यवसाय हो सकता है. इसके बाद उन्होंने और उनकी पत्नी रेखा ने मिलकर ‘थार गोट फार्म’ की स्थापना की, और बकरी पालन को एक व्यवासिक रूप में अपनाया और सफलता प्राप्त की.

‘थार गोट फार्म’ की मालकिन रेखा, फोटो साभार: कृषि जागरण

किस नस्ल की बकरी पालें: सही नस्ल का चयन

बकरी पालन में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि किस नस्ल की बकरी पाली जाए. राजेंद्र कुमार के अनुसार, किसानों को अपनी क्षेत्रीय नस्ल के आधार पर बकरी का चुनाव करना चाहिए. उनके इलाके में सोजत और मारवाड़ी नस्ल की बकरियां सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं. इन नस्लों की बकरियां इस वातावरण में आसानी से ढल जाती हैं और इनकी बढ़त भी अच्छी होती है.

बकरी पालन के लिए उचित स्थान

बकरी पालन के लिए स्थान का चयन बहुत महत्वपूर्ण है. बकरियों का शेड घर से दूर होना चाहिए, ताकि यह वातावरण में शांति और स्वच्छता बनाए रखे. शेड का निर्माण पूरब से पश्चिम की दिशा में करना चाहिए, ताकि बकरियों को सूरज की रौशनी ठीक से मिले और वहां पर्याप्त हवा का प्रवाह भी हो. इसके अलावा, शेड का स्थान गीला और कच्चा नहीं होना चाहिए, क्योंकि इससे बकरियों की सेहत पर असर पड़ सकता है.

बकरी पालन व्यवसाय, फोटो साभार: कृषि जागरण

बकरियों की देखभाल: सही आहार और स्वास्थ्य

बकरियों की देखभाल के लिए बहुत सी बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. सबसे पहले, बकरियों को अच्छा आहार देना चाहिए. यदि हरा चारा उपलब्ध नहीं हो, तो सूखा चारा (जैसे भूसा, चारा, आदि) दिया जा सकता है. साथ ही, बकरियों को उनके वजन के अनुसार मिनरल्स भी खिलाने चाहिए, ताकि उनकी सेहत अच्छी बनी रहे. बकरियों के स्वास्थ्य के लिए नियमित टीकाकरण और कीड़ों से बचाव की भी जरूरत होती है. राजेंद्र कुमार के अनुसार, बकरियों को साल में 3 बार पेट के कीड़े से बचाव के लिए दवाइयां दी जानी चाहिए और 2 बार वैक्सीनेशन करवाना चाहिए.

बकरी पालन का आर्थिक पक्ष: प्रारंभिक निवेश और लाभ

बकरी पालन में शुरूआत में अच्छा निवेश करना पड़ता है, लेकिन यह व्यवसाय धीरे-धीरे लाभकारी बनता है. राजेंद्र कुमार के अनुसार, अगर कोई किसान 100 बकरियों से व्यवसाय की शुरुआत करना चाहता है, तो उसे लगभग 25 लाख रुपये का प्रारंभिक निवेश करना पड़ सकता है. इसमें 10 लाख रुपये शेड के निर्माण के लिए, 10 लाख रुपये बकरे-बकरियों की खरीदारी के लिए और 5 लाख रुपये फीड, दवाइयां और लेबर की लागत में खर्च होते हैं.

एक बकरी हर दो साल में औसतन 3 बार बच्चे जन्म देती है और हर बार औसतन दो बच्चे होते हैं. ये बच्चे लगभग एक साल में बिकने लायक हो जाते हैं, जिससे किसान के लिए आय का एक निरंतर स्रोत बनता है. इसके अलावा, बकरियों से दूध और मांस भी प्राप्त होता है, जो अतिरिक्त आय का स्रोत होता है.

सरकार की ओर से सहायता: NLM स्कीम 

राजेंद्र कुमार ने बताया कि बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को कई योजनाओं के तहत सहायता प्रदान करती है. NLM (National Livestock Mission) योजना के तहत, बकरी पालन करने के लिए किसानों को सब्सिडी मिलती है. इसके अनुसार, 100 बकरियों पर 10 लाख रुपये, 200 बकरियों पर 20 लाख रुपये और 300 बकरियों पर 30 लाख रुपये की सब्सिडी सरकार देती है. यह राशि किसानों को दो किस्तों में दी जाती है. पहली किस्त प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने पर मिलती है और दूसरी किस्त बकरियों की खरीद के बाद मिलती है. इसमें किसानों को किसी भी प्रकार की राशि पहले से जमा नहीं करनी होती है, जिससे यह योजना और भी आकर्षक बन जाती है. उन्होंने आगे बताया कि उनकी पत्नी रेखा ने भी NLM (National Livestock Mission) योजना के तहत, बकरी पालन करने के लिए सब्सिडी के लिए आवेदन किया है.

बकरी पालन का भविष्य: क्यों है यह व्यवसाय लाभकारी?

राजेंद्र कुमार का मानना है कि बकरी पालन एक लंबी अवधि में बहुत लाभकारी साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि अगर कोई किसान 100 बकरियों से शुरुआत करता है, तो वह सभी खर्चों के बाद मासिक 50,000 रुपये तक कमा सकता है. वहीं, यदि कोई किसान 200 बकरियों से बकरी पालन करता है तो उसकी आय इससे भी अधिक हो सकती है. बकरी पालन से न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी पैदा करता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में.

बकरी पालन का आर्थिक और सामाजिक महत्व

बकरी पालन केवल एक कृषि व्यवसाय नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और किसान की सामाजिक स्थिति को भी मजबूत करता है. सरकार द्वारा दी जा रही योजनाओं और सब्सिडी के जरिए यह व्यवसाय किसानों के लिए और भी अधिक लाभकारी हो सकता है, यदि बकरी पालन में निवेश करते समय उचित योजना, नस्ल का चयन, आहार, आवास, और स्वास्थ्य देखभाल जैसी महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए.

English Summary: How to start Goat Farming Business benefits and NLM government scheme Published on: 13 January 2025, 05:51 PM IST

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