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ताकि न हो होली के नाम पर बदतमीजी !

हर साल की तरह इस बार भी होली बस, आने ही वाली है. बाज़ार रंग, गुलाल और गुजिया से भर गए हैं. और जैसे-जैसे होली नज़दीक आएगी, बाज़ारों की रौनक बढ़ती जाएगी. होली को भाईचारे का प्रतीक माना जाता है. यह एक ऐसा त्यौहार जिसमें दुश्मन को भी गले लगाकर रंग लगाया जाता है.

गिरीश पांडेय
Holi
Holi

हर साल की तरह इस बार भी होली बस, आने ही वाली है. बाज़ार रंग, गुलाल और गुजिया से भर गए हैं. और जैसे-जैसे होली नज़दीक आएगी, बाज़ारों की रौनक बढ़ती जाएगी. होली को भाईचारे का प्रतीक माना जाता है. यह एक ऐसा त्यौहार जिसमें दुश्मन को भी गले लगाकर रंग लगाया जाता है. समय के साथ-साथ होली खेलने के तौर-तरीके बदले हैं, अब तो नई-नई तकनीक वाली पिचकारी, गुब्बारे और न जाने क्या-क्या मिलता है. लेकिन एक चीज़ और है जो बदली है और उसमें और भी बदलाव लाना बाकी है. दरअसल, हम बचपन से ही सुनते आए हैं कि होली में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की जाती है और यह कोई नई बात नहीं है. हां, यह ज़रुर हुआ है कि महिलाएं समय के साथ जागरुक हुई हैं और अपने अधिकारों के प्रति सजग हुई हैं. होली पर कभी महिलाओं के साथ कभी बाहर वाले तो कभी घर के रिश्तेदार ही बदतमीजी कर बैठते हैं, अब प्रश्न यह उठता है कि यह नौबत आती ही क्यों है ? इसके कई कारण हैं -

होली में भी शराब का सेवन

होली में सबसे ज्यादा खुशी उन लोगों को होती है जो होली के नाम पर शराब पीने की योजना बनाते हैं. एक बार अगर आदमी बेसुध  हो जाए तो उसे अच्छे-बुरे में फ्रक नहीं दिखता. कोशिश करें कि होली के दिन शराब और दूसरी नशीली खाद्य या पेय पदार्थों का सेवन न करें. घर में रंगो की बहार के साथ गुजिया की मिठास फैलाएं. शराब का सेवन न करें.

मनचलों को बर्दाश्त न करें

महिलाएं इस बात पर विशेष ध्यान दें कि वह होली में मनचलों द्वारा की जा रही बदतमीजी को चुपचाप सहन न करें. यदि आपके साथ किसी प्रकार का शोषण हुआ है तो फौरन पुलिस को इसकी सूचना दें. आज आपके द्वारा उठाया जाने वाला यह कदम आपके और समाज के हित में होगा.

घर के लोगों के खिलाफ भी उठाएं आवाज़

अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहते है जिनमें, शोषण के मामलों में घरवाले बाहरवालों से ज्यादा प्रभावी रहते हैं. जीजा, साला, ताऊ, मौसा, देवर और न जाने कौन-कौन ? महिलाओं के साथ शोषण के मामलों में पुलिस की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि घरवाले ही अधिकतर शोषण में लिप्त रहते हैं और यह सब इसलिए होता है क्योंकि, वह जानते हैं कि लोकनिंदा, लोकलज्जा की भय से लड़की या औरत बाहर कुछ नहीं कहेगी, इसलिए वह लगातार ऐसा करते रहते हैं और होली के दिन रंग लगाने के बहाने वह घर की ही महिलाओं से बदतमीजी करते हैं.

कानून आपके साथ है

महिलाएं इस बात का गलत फायदा न उठाएं की कानून उनके साथ है. लेकिन यदि उनके साथ कुछ गलत होता है तो, वह निसंकोच पुलिस की सहायता ले सकती हैं. पुलिस होली में जगह-जगह तैनात रहती हैं और उन लोगों पर विशेष तौर पर ध्यान देती हैं जो शराब का सेवन कर होली के दिन अभद्र व्यवहार करते हैं. पुलिस की गश्त हर गली-कूचे में रहती है और उनकी कोशिश रहती है कि आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो.

English Summary: play holy but do not neglect Published on: 14 March 2019, 02:41 PM IST

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