ग्रामीण स्तर पर विकास को गति पहुंचाने एवं सशक्त बनाने के लिए वस्तु आधारित सहायता समूह (कमोडिटी इंटरेस्ट ग्रुप) बनाया गया है. एक कमोडिटी इंटरेस्ट ग्रुप किसानों का एक साझा लक्ष्य और ब्याज के लिए स्व-प्रबंधित स्वतंत्र समूह है. इसके संचालन, देखरेख में प्रबन्धक को उसकी प्रक्रियाओं और अवस्था को भली-भांति समझना आवश्यक है. इस समूह में अनुशासित होने के साथ कार्य में रूचि होना चाहिए, ताकि समूह को लाभ की स्थिति में लाया जा सके.
समूह के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को समूह की प्रक्रिया को भली-भांति समझना आवश्यक है. एक पदाधिकारी एवं सदस्य की सफलता इस बात पर निहित होती है कि वह धीरे-धीरे समुदाय अथवा समूह की अपने ऊपर निर्भरता को कम करें. इसके लिए शुरूआत से ही जिम्मेदारियों से समूह (ग्रुप) को आत्मनिर्भर बनाने के लिए समूह की आंतरिक गतिविधियों को समझना तथा उसी के अनुसार उसे आगे बढ़ाना भी बहुत जरूरी है.
कमोडिटी इंटरेस्ट ग्रुप के लिए नियमावली तैयार करना (Preparation of Manuals for Commodity Interest Groups)
समूह संचालन के लिए सीआईजी को एक व्यवहारिक नियमावली सदस्यों से चर्चा कर के ही बनाना चाहिए.
सदस्यों के निहित उद्देश्यों को की चर्चा कर सुधार कर लेना चाहिए.
नियमावली का पालन न करने वाले सदस्यों पर आवश्यक कार्यवाही भी चर्चा कर की जानी चाहिए.
नियमावली को आवश्यकता पड़ने पर सभी सदस्यों की सहमति से संशोधित किया जा सकता है.
कमोडिटी इंटरेस्ट ग्रुप के लिए समूह का नाम, समूह गठन का उद्देश्य, सदस्यों की संख्या, समूह की गतिविधियां आदि तय कर लेनी चाहिए.
सीआईजी में शामिल आवश्यक मुख्य बिन्दु (Essential key points included in CIG)
समूह के सामने आय के एवं रूचिकर कमोडिटी आधारित सदस्य हो.
समूह की नियमित सप्ताहिक/पाक्षिक/ मासिक बैठक होनी चाहिए.
बैठक में सभी सदस्य की भागीदारी सुनिश्चित करनी आवश्यक है.
समूह के सभी सदस्यों को समान राशि जमा करनी होगी.
समूह में सभी व्यक्ति 21 वर्ष से अधिक उम्र के होने चाहिए.
सहमति से या चर्चा करके अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष एवं सचिव का चुनाव कर लेना चाहिए.
ऋण समूह के व्यक्तियों को ही दिया जाएगा.
ब्याज दर एवं जुर्माना भी बैठक में ही निश्चित होना चाहिए, इसके साथ ही ऋण वसूली की किस्त कितनी हो इसकी राशि समूह द्वारा निर्धारित होगी.
समूह द्वारा लोन प्राथमिकता के आधार पर दिया जाना चाहिए और प्रत्येक सदस्य को ऋण (लोन) अल्टरनेट दिया जाएगा.
यदि सदस्य समूह से अपनी सदस्यता समाप्त करना चाहें, तो उसकी जमा राशि लौटाने का फैसला समूह ही करेगा.
गांव में व्याप्त सामाजिक कुरीतियों पर भी समूह को चर्चा की जा सकती है.
बैंक में खाता खुलवाने में होने वाले खर्चों को समूह द्वारा वहन करना होगा.
समूह बैठक निश्चित दिनांक पर होनी चाहिए और उसकी रिपोर्ट बनाकर सदस्यों के हस्ताक्षर होने चाहिए.
प्रत्येक माह की नियमित कार्यवाही की रिपोर्ट देनी होगी.
सीआईजी में पदाधिकारियों का चुनाव की प्रक्रिया और जिम्मेदारियाँ (Election process and responsibilities of CIG officials )
पर्ची द्वारा हाथ उठा कर चुनाव नहीं करना चाहिए इस प्रकार के तरीकों से चुनाव करना माहौल खराब होता है तथा सर्वसम्मति से होना चाहिए.
पदाधिकारियों का चयन उनकी रूचि, समूहों का ऊपर विश्वास, साक्षरता व निःस्वार्थ रूप से काम करने की इच्छा एवं समूहों के कार्यों को करने की क्षमता के आधार पर किया जाना चाहिए.
समूह का हिसाब-किताब रखने के लिए कार्यकारणी का गठन किया जाता है जिसमें अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष के पद भी होंगे.
अध्यक्ष पद जिम्मेदारी का होता है, इसके लिए सर्व सम्मति से उस बुद्धिमान, शिक्षित व्यक्ति को चुनना चाहिए जिसमें समूह को चलाने की क्षमता हो.
अध्यक्ष बैठकों की अध्यक्षता करता है और वह समूह में निर्णय लेने की योगदान देता है.
अध्यक्ष सभी सदस्यों के हितों को ध्यान देने वाला होना चाहिए तथा कर्ज देने में पारदर्शिता का माहौल होना चाहिए.
शिक्षित व्यक्ति को ही कोषाध्यक्ष बनाना चाहिए, जिसे हिसाब-किताब की जानकारी हो.
कोषाध्यक्ष के मुख्य कार्य कर्ज में लेन-देन का हिसाब रखना, बचत राशि को सुरक्षित रख राशि का रजिस्टर में जमा करना है.
सचिव का कार्य निश्चित स्थान पर बैठक का आयोजन करना, बैठकों की पूरी कार्यवाही को रजिस्टर में नियमित रूप से लिखना, समूह की ओर से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना, बैठक में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में अध्यक्षता करना, बैंक संबंधित कार्यों में बचत खाता खुलवाना, बैंक ऋण लेना आदि है.
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