मशहूर लेखक युवाल नोहा हरारी अपनी एक पुस्तक सेपियंस में लिखते हैं आज से 400 करोड़ साल पहले किसी को पता भी नहीं होगा कि हम मनुष्य कभी चाँद पर भी कदम रख सकेंगे, एटम का विखंडन कर सकेंगे, डीएनए का खोज कर सकेंगे, लेकिन आज हमने उन सभी उपलब्धियों को हांसिल कर लिया है.
उन उपलब्धियों में से एक उपलब्धि ये भी है कि विज्ञान और बढ़ती तकनीकों के वजह से आज हम ड्रोन के माध्यम से खेतों में कीटनाशक जैसी चीज़ों का छिड़काव करने लगे हैं.आमतौर पर आपने ड्रोन का इस्तेमाल वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी में देखा होगा, लेकिन आधुनिक तकनीक की मदद से अब हम खेतों में भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. कई इलाकों में ड्रोन की सहायता से खेतों में छिड़काव का प्रोसेस शुरू हो गया हैं.
वहीं, अपने संसदीय क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मोदी सरकार के रहते आम जनता के काम में देरी नहीं होती. कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की बात हो या ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की, यह सरकार किसी भी काम में लापरवाही नहीं की है और ना ही आगे करेगी.
तोमर ने कहा कि किसानों के हित में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि द्वारा उनके बैंक खातों में राशि पहुंचाने की या उज्ज्वला योजना से लाभान्वित करने की या फिर स्वामित्व योजना द्वारा ग्रामीण आबादी को उनके घर का मालिकाना हक प्रदान करना हो अथवा स्वच्छ भारत मिशन. सभी दिशा में मोदी जी ने लोगों की भलाई के लिए काम किया है.उन्होंने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं से आम जनता को सीधा लाभ हो रहा है. तोमर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष में मुरैना और श्योपुर संसदीय क्षेत्र में आयोजित सेवा-संकल्प पखवाड़े के समापन समारोह में बोल रहे थे.
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए बांटे गए सब्जियों के बीज (Vegetable seeds distributed to promote organic farming)
मुरैना व श्योपुर जिलों के सभी विधानसभा क्षेत्रों में फलदार 71 हजार पौधों के रोपण व सब्जियों के बीज वितरण के साथ हुआ. पखवाड़े के तहत केंद्र व राज्य सरकार, सामाजिक संस्थाओं व भारतीय जनता पार्टी द्वारा विभिन्न कार्यक्रम किए गए. समापन कार्यक्रम में दिल्ली से वर्चुअल जुड़े केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि इन बीज वितरण का उद्देश्य ग्रामीण गरीब को जैविक खेती के लिए जागरूक करना है, ताकि वो अपने निवास के आसपास ही जैविक सब्जियां उगा सकें, जिससे उन्हें आवश्यक पोषक तत्व मिलें. गत वर्ष भी बड़े पैमाने पर सब्जियों के बीज वितरित किए गए थे.
इफ्को का भी मिला सहयोग (Vegetable seeds distributed to promote organic farming)
इस पूरे कार्यक्रम में इफको का भी सहयोग रहा. उन्होंने दोनों कलेक्टरों से इफको द्वारा विकसित नैनो यूरिया का ड्रोन द्वारा जिलों के खेतों में छिड़काव करवाने को कहा, ताकि किसानों को भी इससे मदद और प्रोत्साहन मिले. साथ हीं पर्यावरण की रक्षा होगी, पानी की बचत होगी, किसानों को कम लागत आएगी व खेतों में मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होने से उत्पादकता बढ़ेगी.
तोमर ने कहा कि इफको द्वारा क्षेत्र में नेत्र शिविर पूर्व में आयोजित किए गए थे व आगे भी किए जाएंगे, जिसके लिए स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधि रूपरेखा बनाकर क्रियान्वित करें, ताकि मरीजों का राहत मिलें.
तोमर ने कहा कि दोनों जिले कृषि की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, जहां जनप्रतिनिधि इस काम में मनपूर्वक जुट जाएं कि किसानों को लागत में कैसे कमी आ सकती है, वे आय बढ़ाने के लिए महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, टेक्नालाजी से जुड़कर कृषि कार्य बेहतर तरीके से कर सकें.
मिल-जुलकर खेती करने पर होगा अधिक लाभ (There will be more profit if farming together)
कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में खेती-किसानी को बढ़ावा देने के लिए अनेक ठोस उपाय किए गए हैं. दस हजार नए एफपीओ भी बनाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से किसान मिल-जुलकर खेती करेंगे तो उन्हें काफी सुविधाएं मिलेगी व अधिक लाभ होगा.
उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का भी किसानों से अधिकाधिक लाभ लेने की अपील की. तोमर ने कहा कि बागवानी के लिए ग्वालियर में केंद्रीय बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय खुलने से किसानों को काफी सुविधा होगी, वहीं नूराबाग में इजराइल के सहयोग से बागवानी का उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होने के माध्यम से भी किसानों को बहुत फायदा मिलेगा.
इफको के सीएमडी यूएस अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व कृषि मंत्री तोमर के मार्गदर्शन में इफको द्वारा मुरैना व श्योपुर सहित मध्य प्रदेश तथा देशभर में अनेक सेवा कार्य किए जा रहे हैं. अवस्थी ने दोनों जिलों के लोगों व कार्यकर्ताओं की उत्साह के साथ भागीदारी की भी सराहना की.
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