किसानों को लेकर लगातार नए फैसले और योजनाएं बनाती मोदी सरकार ने एक बार फिर किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है. अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि होने के बाद ये उम्मीद लगाई जा रही थी, कि इसकी कीमतों में भी बढ़ोत्तरी होगी. लेकिन अब केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने का फैसला लिया है.
केंद्र सरकार ने इस साल फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया है. इसके साथ ही सरकार ने किसानों को रहत देते हुए इन दोनों पर सब्सिडी बढ़ाने का भी फैसला किया है.
वहीं आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने पूरे वर्ष 2021-22 के लिए फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने का फैसला किया है. फास्फेटिक और पोटाश उर्वरकों पर सब्सिडी में 438 रुपए प्रति बोरी बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया है.
आपको बता दें कि इससे पहले मोदी कैबिनेट की अहम बैठक हुई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया की फास्फेट और पोटाश उर्वरकों के लिए अतिरिक्त 28,655 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. केंद्र सरकार की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 की अवधि के लिए एनपीएंडके उर्वरकों यानी फॉस्फेटिक और पोटाश उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) को मंजूरी दे दी है.
NPK खाद (उर्वक) का उपयोग फसलों के अच्छे उत्पादन के लिए भी किया जाता है. NPK उर्वरक में नाईट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम तीनों जरूरी पोषक तत्व होते हैं. यह दानेदार उर्वरक होता है. इसका इस्तेमाल पौधे के विकास और मजबूती के लिए किया जाता है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर 28,655 करोड़ रुपये की शुद्ध सब्सिडी की घोषणा की है. इससे किसानों को रबी फसलों की बुवाई के लिए सस्ती कीमत पर उर्वरक उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी. अक्टूबर में शुरू होता है.
मंत्रियों की बैठक में अमृत योजना के तहत अपशिष्ट जल प्रबंधन को लेकर नई योजना बनाई गई. स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के लिए 141600 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. इसमें केंद्र का योगदान 36,465 करोड़ रुपये है. पहला चरण वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक है. इसके लिए सरकार ने 62,009 करोड़ के फंड की घोषणा की थी.
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