मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आरक्षण पर अब काफी बड़ा दांव खेलने जा रही है, दरअसल सरकार निजी क्षेत्र की नौकरियों में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार राज्य के लोगों को 70 फीसदी आरक्षण देने के लिए जल्द ही नया कानून बनाने की तैयारी में है, दरअसल मध्यप्रदेश में विधानसभा के सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब पर कांग्रेस और बीजेपी विधायकों की नोकझोंक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में यह जानकारी दी है. मुख्यमंत्री नाथ ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश की गुजरात या फिर पश्चिम बंगाल से बिल्कुल भी तुलना नहीं हो सकती है.
मध्य प्रदेश के निवासियों को मिलेगी प्राथमिकता
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश विधानसभा में कहा है कि निजी क्षेत्रों में राज्य के स्थाई निवासियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. नई औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन योजना में आरक्षण के प्रावधान को रखा गया है. उन्होंने बताया कि औद्योगिक ईकाई के शुरू होने पर इसको लागू किया जाएगा. इसके मुताबिक कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्य प्रदेश के स्थाई निवासियों को ही देना होगा.
विधानसभा चुनाव में दिया था कमलनाथ ने बयान
दरअसल मध्यप्रदेश में 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली जीत के तुरंत बाद ही कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश की नौकरियां अन्य राज्य के लोगों के पास जा रही है. उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग यहां की नौकरियों पर कब्जा जमाए हुए होते है. हमारी सरकार इसको रोकने के लिए पूरी प्राथमिकता से काम करेगी. दरअसल कमलनाथ सरकार अपने कहे के मुताबिक राज्य के लोगों के लिए निजी क्षेत्र में आरक्षण का प्रावधान लाने जा रही है.
सामान्य वर्ग के गरीबो को आरक्षण
दरअसल पिछले महीने कमलनाथ सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसमें सरकारी नौकरियों और अलग शिक्षण संस्थान में प्रवेश के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी. इसके अलावा राज्य में ओबीसी के लिए आरक्षण सीमा 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत तक कर दी है. अब सरकार इसे कानून का रूप देने के लिए विधानसभा में पेश करने की तैयारी को कर रही है.
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