देश में अब लंपी महामारी ने अपने पैर पसार लिए हैं. महामारी बेजुंबा जानवरों को अपना शिकार बना रही है. इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान ,पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में देखने को मिल रहा है. आंकड़े देखें, तो अब तक 67 हजार से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है.
दूध उत्पादन पर पड़ रहा असर
लंपी वायरस के प्रकोप से लगातार पशुओं की मौत का आंकडा बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते डेयरी किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. पंजाब के प्रगतिशील डेयरी किसान संघ (PDFA) की मानें, तो अब तक लंपी वायरस के राज्य में दूध उत्पादन में 15 से 20 प्रतिशत की कमी आई है. लंपी वायरस के कहर से बाकी राज्यों में इसका असर दिखने को मिल रहा है.
उत्तर प्रदेश में भी लंपी का कहर
ऐसा लग रहा है लंपी वायरस से अब कोई भी राज्य अछूता नहीं हैं. बात करें उत्तर प्रदेश की, तो राज्य में कुल 236 मवेशियों ने वायरस से दम तोड़ दिया है, जबकि 25 जिलों के 2,600 गांवों में 25,000 से अधिक मामले सामने आए हैं.
राजस्थान में लंपी का कहर
लंपी वायरस से यदि सबसे अधिक कोई संक्रमित राज्य है तो वह राजस्थान है. जिसके चलते सबसे अधिक गायों की मौतों का आंकड़ा राजस्थान से ही आया है. अब दूध उत्पादन में भारी कमी देखने को मिल रही है जिसकी वजह से राज्य में दूध की कीमतों में भी उछाल देखने को मिला है. हालांकि राज्य में पहले से ही टीकाकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है.
लंपी वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन
प्रधानमंत्री ने सोमवार को अपने संबोधन में लंपी वायरस के खिलाफ स्वदेशी वैक्सीन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि “ पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में Lumpy नाम की बीमारी से पशुधन की क्षति हुई है. विभिन्न राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है. हमारे वैज्ञानिकों ने Lumpy Skin Disease की स्वदेशी vaccine भी तैयार कर ली है.”
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अब देखना होगा कि क्या यह वैक्सीन वाकई में बैजुबां जानवरों की तकलीफ का निवारण करेगी. देश के कई राज्यों में लंपी वायरस के खिलाफ टीकाकरण पहले से ही चलाया जा चुका है. बाकी राज्यों में भी सरकार अपने पशुओं को बचाने के लिए प्रयास कर रही है.
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