आजकल खेती-बाड़ी में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसी क्रम में झारखंड में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र रामगढ़ ने खेतों में ड्रोन से कीटनाशक छिड़काव का सफल प्रदर्शन किया है
यह प्रयोग चेन्नई के गरूडा एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है. इससे किसान भाई अपने खेतों में कीटनाशक एवं उर्वरक का छिड़काव आसानी से कर सकते हैं.
कम समय में होगा कीटनाशक का छिड़काव (Insecticide will be sprayed in less time)
किसान ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर कम समय में रोगों व कीटों पर नियंत्रण पा सकते हैं. इससे दवा का छिड़काव आसानी से कर सकते हैं. खास बात यह है कि ड्रोन से किसान सिर्फ 20 मिनट में 1 हेक्टेयर भूमि में छिड़काव कर सकते हैं. बता दें कि राज्य में चतरा के बाद रामगढ़ ऐसा दूसरा जिला है, जहां इस तकनीक के माध्यम से कीटनाशकों का छिड़काव करने की जानकारी दी गई.
युवाओं को किया खेती की तरफ आकर्षित (Attracted youth towards agriculture)
इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. यह तकनीक युवाओं को खेती की तरफ आकर्षित करने में बहुत सहायक है. इसके जरिए कम समय में खेतों में कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है, जिससे खेती में लगने वाली लागत भी कम होगी.
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी कृषि वैज्ञानिक की मानें, तो कृषि मंत्री इस तकनीक के समावेश से किसानों की आय को दुगुना करने का सपना पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं.
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उनका मानना है कि इस तकनीक से एक दिन में एक ड्रोन से लगभग 30 एकड़ तक खेतों में कीटनाशक और उर्वरक का छिड़काव किया जा सकता है. इस तरह यह तकनीक बड़े क्षेत्रों की खेती के लिए काफी फायदेमंद है.
जिले के किसानों की मानें, तो ड्रोन मशीन पहले फिल्मों में देखा करते थे, लेकिन अब इसके जरिए कीटनाशक का छिड़काव करते देख रहे हैं. किसान केंद्र व राज्य सरकार का धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने कम खर्च में किसानों की आय दुगुनी करने के विषय में सोचा.
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