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Chandrapal Yadav's big achievement: पहली बार कोई भारतीय बना ICA Asia Pacific अध्यक्ष, जानिए कैसे रचा ये इतिहास?

डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव ICA-International Cooperative Alliance के नए अध्यक्ष चुने गए हैं. सिंह ने चुनाव में शानदार जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय इसका अध्यक्ष बना है.

रुक्मणी चौरसिया
Dr. Chandrapal Singh Yadav
Dr. Chandrapal Singh Yadav

भारत ने सहकारिता के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है. दरअसल, डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (ICA-International Cooperative Alliance) एशिया प्रशांत के नए अध्यक्ष चुने गए हैं, जो कि इस समय कृषक भारती सहकारी लिमिटेड (कृभको) के चेयरमैन हैं. बता दें कि सियोल (South Korea) में आयोजित चुनाव में शानदार जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया है, क्योंकि पहली बार कोई भारतीय इसका अध्यक्ष बना है.

भारत ने रचा इतिहास (India made history)

चंद्रपाल के सर्वोच्च निकाय में पदोन्नत होने के साथ, यह पहली बार है कि भारत के आईसीए में दो प्रतिनिधि हैं. इफको के आदित्य यादव पहले आईसीए बोर्ड के लिए चुने गए थे. संयोग से, ये दोनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से ताल्लुक रखते हैं और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के प्रति निष्ठा रखते हैं.

दोनों एक तरह से, इफको (IFFCO) कनेक्शन साझा करते हैं, क्योंकि बाद में आईसीए एपी के चुनाव में चंद्र पाल की प्रभावशाली जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. चंद्र पाल के प्रचार प्रमुख तरुण भार्गव अवस्थी के शिष्य हैं.

सूत्रों का कहना है कि अभियान के दौरान भार्गव लगातार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहकारी राजनीति के मास्टर शिल्पकार इफको के एमडी के संपर्क में थे. आईसीए एपी में 12 बोर्ड सदस्य हैं और उनमें से 11 चुनाव में चुने गए थे. चंद्र पाल के अलावा, दो उपाध्यक्ष चीन और मलेशिया से चुने गए थे. उप-राष्ट्रपति पद के लिए एक और आकांक्षी ईरान का कोई भाग्य नहीं था.

भारी वोटों से जीते चंद्रपाल (Chanderpal won by huge votes)

जब बोर्ड की सीटों के लिए वोट डाले गए, तो चंद्र पाल की जीत स्पष्ट हो गई. वह बोर्ड के सदस्य के रूप में भी अपने जापानी प्रतिद्वंद्वी से भारी अंतर से आगे थे. यहां चीन को सबसे ज्यादा वोट मिले लेकिन जब राष्ट्रपति के चुनाव का समय आया, तो चंद्र पाल ने जापान के चिटोस को 102 मतों से हराया, वैश्विक मानकों से भी बहुत बड़ा अंतर है.

अभियान प्रमुख तरुण भार्गव (Campaign Chief Tarun Bhargava) ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी प्रमुख देशों को अधिकतम 25 मत प्राप्त हुए, चंद्रपाल की ओर झुके और इतनी प्रभावशाली जीत दर्ज की. उन्होंने इस सूची में चीन, ईरान, नेपाल, श्रीलंका और कई अन्य लोगों का नाम लिया. तरुण ने कहा, "मलेशिया से भी हमारे पास कुछ वोट थे"

चुनाव के बाद के विश्लेषण से पता चला कि भारत के पास जो 25 वोट थे, उनमें से एक वोट को छोड़कर, सभी 24 चंद्र पाल के पक्ष में सफलतापूर्वक डाले गए थे. भारत से एक वोट अमान्य पाया गया, क्योंकि मतदाता ने पासवर्ड नहीं बनाया था और समय पर वोट डालने की अपनी इच्छा को पूरा करने में विफल रहा.

तरुण भार्गव ने कहा, भारतीय दल ने चंद्र पाल का समर्थन करने में अभूतपूर्व एकता प्रदर्शित की है, जिन्होंने सियोल में परिणाम के तुरंत बाद चंद्र पाल के साथ बैठकर विजय चिन्ह प्रदर्शित किया.

"हमने भारत वापस आने पर जीत का जश्न मनाने का फैसला किया है", तरुण ने चंद्र पाल की दिल्ली में जल्द से जल्द एक धन्यवाद पार्टी आयोजित करने की योजना की ओर इशारा करते हुए कहा.

English Summary: Chandrapal Yadav's big achievement: For the first time an Indian became the President of ICA Asia Pacific Published on: 01 December 2021, 05:10 PM IST

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