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Agri Advisory: फसलों को बचाने के लिए तेलंगाना के किसानों को निपटाने होंगे ये जरूरी काम..

कृषि में मौसम व फसलों के लिए सीजन बदलते रहते हैं. ऐसे में उन्हें सही सलाह और जानकारी होने बेहद जरूरी है जिसके लिए उन्हें एग्रोमेट एडवाइजरी को ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि भविष्य में उनकी फसलों को कोई क्षति ना पहुंचे और आर्थिक नुकसान भी ना हो.

रुक्मणी चौरसिया
Agromet Advisory for Farmers
Agromet Advisory for Farmers

किसानों को सही जानकारी और सलाह देने के लिए कृषि जागरण अक्सर राज्यों के मुताबिक एग्रोमेट एडवाइजरी (Telangana Agromet Advisory) लेकर आता रहता है. ऐसे में आज हम तेलंगाना राज्य के किसानों के लिए अंतिम अगस्त की एडवाइजरी लेकर आए हैं जिसमें बचे एक हफ्ते में आपको नीचे दिए गए कामों को निपटना बेहद आवयशक है.

धान (Paddy Crop)

धान की नर्सरी में ब्लास्ट रोग की घटनाओं के लिए मौजूदा मौसम की स्थिति अनुकूल है. रोग की घटनाओं की निगरानी करें और यदि इसका प्रकोप खेतों में दिख रहा है तो ट्राईसाइक्लाज़ोल 0.5 ग्राम या आइसोप्रोथियोलेन 0.5 मिली या कसुगामाइसिन 2.5 मिली प्रति लीटर का पानी के साथ छिड़काव करें.

इस मौसम में धान में अन्य किट भी लग सकते हैं जैसा कि तना छेदक, जो कि टिलरिंग चरण में है. इनको नियंत्रण के लिए कार्बोफुरन 3जी 10 किग्रा या क्लोरेंट्रिनिलिप्रोल 0.4 ग्राम प्रति एकड़ डालें.

साथ ही, धान में बीएलबी का प्रकोप भी हो सकता है. इनको नियंत्रण के लिए कॉपर-ऑक्सी-क्लोराइड 30 ग्राम + प्लांटोमाइसिन 2 ग्राम प्रति लीटर का पानी के साथ साप्ताहिक अंतराल पर दो बार छिड़काव करें.

इसके अलावा, धान में हिस्पा का रोग भी लग सकता है. इसके नियंत्रण के लिए प्रोफेनोफॉस 2 मिली या क्लोरपाइरीफॉस 2.5 मिली प्रति लीटर का पानी के साथ छिड़काव करें.

मक्का (Maize Crop)

मक्का में फॉल आर्मी वर्म को नियंत्रित करने के लिए क्लोरेंट्रिनिलिप्रोल 0.4 मिली या स्पिनोटोरम 0.5 मिली प्रति लीटर का पानी के साथ चारों ओर स्प्रे करें.

अत्यधिक नमी की स्थिति डंठल के सड़ने की घटनाओं के लिए अनुकूल होती है. यदि आपको यह दिखे तो पीड़ित पौधों को उखाड़कर खेत से फेंक दें और  खेत से बाहर निकाल दें.

कपास (Cotton Crop)

कपास में एफिड्स की घटनाओं के लिए मौजूदा मौसम की स्थिति अनुकूल है. इसको नियंत्रण के लिए नीम का तेल 5 मिली + इमिडाक्लोप्रिड 0.25 मिली या एसिटामिप्रिड 0.2 ग्राम या फिप्रोनिल 2 मिली प्रति लीटर का पानी के साथ छिड़काव करें.

वर्षा थमने के बाद कपास की फसल बोने के 20 दिन बाद पौधों से 07-10 सें.मी. की दूरी पर पोकेटिंग विधि से 25 किलो यूरिया और 20 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ पहली टॉप ड्रेसिंग के रूप में डालें.

यदि कपास में मैग्नीशियम की कमी होती है तो इसकी कमी को ठीक करने के लिए मैग्नीशियम सल्फेट 10 ग्राम प्रति लीटर का पानी के साथ स्प्रे करें.

सोयाबीन (Soybean Crop)

यदि इसमें स्टेम फ्लाई लग जाती है तो इसके नियंत्रण के लिए ऐसफेट 1.0 ग्राम प्रति लीटर का पानी के साथ छिड़काव करें.

अरहर (Tur Crop)

अरहर में लीफ वेबर की घटनाओं के लिए मौजूदा मौसम की स्थिति अनुकूल है. इसको नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस 2.5 मिली प्रति लीटर का पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

पशु (Livestock)

मौजूदा मौसम की स्थिति मुर्गी पालन में रानीखेत रोग, भेड़ में ईटी और पीपीआर, मवेशियों और भैंसों में पैर और मुंह की बीमारी हो सकती है. इसको रोकने के लिए पशुओं का टीकाकरण या पशु चिकित्सालय की सलाह लें.

English Summary: Agri Advisory: To save the crops, the farmers of Telangana will have to deal with these important tasks Published on: 25 August 2022, 05:13 PM IST

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