हमारा देश कृषि क्षेत्र में काफी उन्नति कर रहा है. हर एक राज्य में विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती होती है. इस पर हमारा पूरा जीवन आधारित होता है, इसलिए इसका पूरा श्रेय किसानों की मेहनत के साथ-साथ आधुनिक तकनीक के कृषि यंत्रों को भी जाता है. अगर कृषि यंत्र न हों, तो किसानों को खेती में कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि देश के कई क्षेत्रों में किसान खेती करता है, जिसमें पहाड़ी क्षेत्र भी शामिल है. यहां किसानों को खेत की जुताई करने में काफी परेशानी होती है. ऐसे में हम किसानों के लिए एक कृषि यंत्र स्टोन पिकर की जानकारी देने वाले हैं, जो किसानों के लिए वरदान सबित हो सकता है.
स्टोन पिकर मशीन (Stone picker machine)
पहाड़ी क्षेत्र के किसानों के लिए यह कृषि यंत्र बहुत उपयोगी है. स्टोन पिकर खेत के कई काम आसान कर सकता है. खास बात है कि किसान स्टोन पिकर द्वारा खेतों में से छोटे-बड़े आकार के सभी पत्थरों को एक बार में निकाल सकते हैं. उससे भी अच्छी बात है कि यह मशीन कम लागत में खरीद सकते हैं. इससे समय की बचत होती है.
कैसे काम करता है स्टोन पिकर (How Stone Picker Works)
इस मशीन को चलाने के लिए ट्रैक्टर की आवश्यकता पड़ती है. स्टोन पिकर को किसान किसी भी तरह के ट्रैक्टर में लगाकर चला सकते हैं. इस मशीन में 1 एकड़ जमीन से सिर्फ 2 घंटे में पत्थर निकालने की क्षमता है.
पहाड़ी क्षेत्र के किसानों के लिए कृषि यंत्र (Farming Equipment for Hill Region Farmers)
सबसे पहले किसानों की खेतीबाड़ी की बात करें, तो वह तापमान, जलवायु, बुवाई, सिंचाई, कटाई आदि पर निर्भर होती है. मगर फसल के लिए सबसे जरूरी प्रक्रिया खेत को तैयार करने की होती है. देश का एक बहुत बड़ा भाग पहाड़ी क्षेत्र भी है. जहां किसान कई फसलों की खेती करता है. यहां के खेतों में बड़े-छोटे बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. इस वजह से किसानों को खेत की जुताई करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही पत्थर की वजह से बीज का अंकुरण भी प्रभावित होता है. इसका पूरा असर फसल की पैदावार पर पड़ता है. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के लिए एक खास कृषि यंत्र तैयार किया गया है. इसके द्वारा किसान अपने खेतों की मिट्टी को अच्छी तरह साफ़ कर सकते हैं. इस कृषि यंत्र का नाम स्टोन पिकर है.
स्टोन पिकर की कीमत (Stone Picker Price)
बाजार में इस मशीन की कीमत लगभग 4 लाख रुपए तय की गई है. बता दें कि इसको पंजाब राज्य में अधिकतर बनाया जाता है. अगर किसी किसान को यह मशीन खरीदनी है, तो वह पंजाब की निजी कंपनी से संपर्क कर सकता है. इसके अलावा एक बार अपने राज्य की निजी कंपनियों से भी जानकारी ले सकता है.
स्टोन पिकर से किसानों को लाभ (Farmers benefit from stone picker)
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पहले किसानों को हाथों से खेत की जुताई करनी पड़ती थी, लेकिन यह समस्या जड़ से खत्म हो गई है.
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खेती की जुताई में कम समय और कम मेहनत लगती है.
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खेत में से छोटे-बड़े सभी पत्थर निकाल सकता है.
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फसल का उत्पादन बढ़ता है.
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खेत की भूमि उपजाऊ बनती है.
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फसल की गुणवत्ता बढ़ती है.
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फसल में कीट और रोग लगने का खतरा कम हो जाता है.
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