हमारे देश के लिए पराली जलाना एक बड़ी समस्या बन गई है. इससे खेती में मदद करने वाले कीट नष्ट हो जाते हैं, साथ ही मिट्टी की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है. इसके अलावा वायु प्रदूषण भी होता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर (Supreme Court On Pollution) पर पहुंच चुका है. हालांकि, कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट मेने इस मामले पर सुनवाई की, जिसके तहत 2 दिन का लॉकडाउन (Lockdown in Delhi-NCR) लगाने का विकल्प रखा गया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पराली की समस्या से निपटने के लिए मशीनों का भी जिक्र किया. तो आइए पराली का निपटारा करने वाली मशीनों के बारे में जानते हैं.
पराली को जमीन में दबाने वाली मशीनें (Stubble Pressing Machines)
इन मशीनों में रूटावेटयर (Rotavators) और प्लाव (Reverse MB Ploughs) आते हैं. इनके जरिए मिट्टी को भुरभुरा बनाया जा सकता है. यह तब उपयोगी है, जब खेत में पराली के टुकड़े बेहद छोटे-छोटे हों. इस मशीन की कीमत करीब 1 लाख रुपए तक होती है. वहीं, दूसरी मशीन प्लाव है. इसके द्वारा गहराई से जमीन की मिट्टी को पलट दिया जाता है. इससे पराली जमीन में दब जाती है. इसकी कीमत करीब 50 हजार रुपए के आस-पास है.
पराली को उठाने वाली मशीन (Straw Lifting Machine)
पराली की समस्या से छुटकारा पाने के लिए सबसे अच्छा और सबसे बेहतर तरीका है कि पराली को खेत से हटा देना चाहिए. यह मशीनों की मदद से किया जा सकता है. इसकी बड़ी-बड़ी मशीनें 5-10 लाख रुपए तक की आती हैं. इनके जरिए पराली को जड़ से काटने, जमा करने, रोल बनाने जैसे काम कर सकते हैं. कुछ मशीनें रोल बनाने के बाद उन्हें पॉलीथीन में रैप भी करती हैं.
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पराली काटने वाली मशीनें (Straw Cutting Machines)
इसके लिए मल्चर और सुपर एसएमएस (स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम) जैसी मशीनों का उपयोग कर सकते हैं. सुपर एसएमएस एक छोटी सी मशीन होती है, जो कि कंबाइन मशीन के साथ लगती है. बता दें कि आगे की तरफ से कंबाइन मशीन धान काटती जाती है, तो वहीं उससे निकली हुई पराली को सुपर एसएमएस काटता जाता है. इसके साथ ही खेत में बिखेर देता है. इस तरह जुताई में पराई फंसती नहीं है. इस मशीन की कीमत करीब 1.5 लाख रुपए तक है. वहीं, मल्चर मशीन की मदद से पराली को जड़ों से काटकर छोटे टुकड़े में कर खेत में ही फैलाया जा सकता है. इसकी कीमत करीब 2 लाख रुपए है.
बुवाई की मशीनें (Sowing Machines)
किसान काफी समय से जीरो टिल ड्रिल मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. ये मशीन बुवाई का काम करती है. इसकी कीमत करीब 80 हजार रुपए है. इसके अलावा हैपी सीडर्स मशीन है, जो धान की खड़ी पराली में ही आसानी से गेहूं की बुवाई कर सकती है. इसकी कीमत करीब 1.3 लाख रुपए है. इससे अलावा सुपर सीडर्स मशीन है, जो आगे से खेत को रूटावेटर की तरह जोतती है और पीछे-पीछे साथ में ही गेहूं या अन्य किसी चीज के बीज गिराती जाती है. इसकी कीमत करीब 1.95 लाख रुपए तक होती है.
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