अधिकतर लोगों ने कचनार पेड़ के बारे में सुना होगा, लेकिन शायद ही आप इस पेड़ की खासियत जानते होगें. कचनार पेड़ के फूल बेहद सुंदर होते हैं, मगर इसकी छाल अद्भुत लाभकारी है. इसके रेशों से रस्सी बनाई जाती हैं, तो वहीं इसके पत्तों का साग बनाकर खाया जाता है.
सदियों से सभी लोग न केवल सब्जी, अचार, रायता और सजावट के लिए कचनार का उपयोग करते हैं, बल्कि कई तरह की बीमारियों का इलाज इसके फूल, छाल और जड़ से करते हैं. यह एक ऐसी औषधि है, जो कि कई गंभीर बीमारियों का रामबाण इलाज कर देती है. इसके फूल और पत्तियां बहुत लाभकारी होती है. आयुर्वेदिक औषधियों में ज्यादातर कचनार की छाल का उपयोग होता है.
कचनार की छाल का काढ़ा (Decoction of bark of kachnar)
सभी लोगों को कचनार की छाल का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए. अगर इसके काढ़े में आधा चम्मच पिसी हुई अजवायन मिलाकर पी जाए, तो इससे पेट फूलने और गैस की समस्या दूर हो जाती है. इसका रोजाना सेवन कई बीमारियों का औषधि इलाज है.
कचनार की छाल को इस्तेमाल करने का तरीका (How to use Kachnar Bark)
इसकी छाल का महीन पिसा-छना चूर्ण 3 से 6 ग्राम (आधा से एक चम्मच) ठंडे पानी के साथ सुबह-शाम ले सकते हैं.
इसका काढ़ा बनाकर भी सुबह-शाम 4-4 चम्मच मात्रा में (ठंडा करके) एक चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं.
कचनार की छाल से होने वाले फायदे (Benefits of Kachnar bark)
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इसकी छाल शरीर में हुई गांठ को गला देती है.
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दाद-खाज और खुजली को दूर करती है.
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इसके साथ ही फोड़े-फुंसी को खत्म कर देती है.
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कचनार की छाल का काढ़ा पीने से मुंह के छाले खत्म होते हैं.
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यह खून की गंदगी को साफ करती है.
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पेट में बनने वाली गैस से निजात दिलाए.
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इसके चूर्ण का रोजाना सेवन करने से बवासीर का इलाज हो जाता है.
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इसका काढ़ा पीने से पेट का कैंसर ठीक होता है.
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कचनार की छाल को पानी में उबालकर और छानकर कुल्ला करने से दांतों का हिलना, दर्द, खून निकलना, मसूढों की सूजन और पायरिया खत्म हो जाता है.
इस बात का रखें खास ध्यान (Take special care of this)
कचनार देर से हजम होती है, इसलिए इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या हो सकती है. ऐसे में घबराना नहीं है, जब तक कचनार का सेवन करें, तब तक रोज़ाना पपीते का सेवन भी करते रहना चाहिए.
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