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हिमाचल सरकार का कमाल, 15 हजार से अधिक बेसहारा गौवंशों को मिला आश्रय

हिमाचल प्रदेश सरकार एक बार फिर गौवंश को लेकर चर्चाओं में है. दरअसल, इस बार राज्य सरकार बेसहारा छोड़े गए गौवंशों को संरक्षण प्रदान करने में कई राज्यों से बहुत आगे निकल गई है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 15,177 बेसहारा गौवंशों को आश्रय प्रदान किया जा चुका है.

सिप्पू कुमार
सिप्पू कुमार

हिमाचल प्रदेश सरकार एक बार फिर गौवंश को लेकर चर्चाओं में है. दरअसल, इस बार राज्य सरकार बेसहारा छोड़े गए गौवंशों को संरक्षण प्रदान करने में कई राज्यों से बहुत आगे निकल गई है. आंकड़ों के मुताबिक राज्य में अब तक 15,177 बेसहारा गौवंशों को आश्रय प्रदान किया जा चुका है.

इस तरह जुटाई जा रही है वित्तीय सहायता

गौरतलब है कि प्रदेश में पिछले साल ही ‘गौ सेवा आयोग’ का गठन किया गया था, जिसका कार्य गौवंशों को सहायता प्रदान करना था. इस काम के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने का काम शराब की प्रत्येक बोतल की बिक्री से एक रुपए गौवंश के लिए सेस प्राप्ति से था. अब तक शराब की सेस से प्राप्त राशि को जोड़कर सरकार के खाते में 7.95 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं.

गौवंशों की सुरक्षा के लिए कैबिनेट में उप-समिति का गठन

इस राशि का उपयोग राज्य सरकार बेसहारा गौवंश के रख-रखाव के लिए कर रही है. बता दें कि हिमाचल सरकार गौवंशों के संरक्षण के लिए अपनी पहली कैबिनेट उप-समिति का गठन करने भी जा रही है.

गौशालाओं को मिल रहा है अनुदान

राज्य सरकार द्वारा इस समय गौसदन संचालकों को नई नीति के तहत अनुदान प्रदान किए जा रहे हैं. इसमें उन गौशालाओं को शामिल किया गया है, जो कम से कम 30 बेसहारा गायों को आश्रय प्रदान कर रहे हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अभी तक गौशालाओं पर राज्य सरकार  सीधे तौर पर एक करोड़ पच्चीस लाख पैंसठ हजार रूपए खर्च कर चुकी है.

नई गौशालाओं का पंजीकरण

फिलहाल प्रदेश में कई गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित 500 से अधिक गौशालाओं को पंजीकृत करने का काम हो रहा है. पंजीकरण होने के बाद इन गौशालाओं को भी अनुदान दिया जाएगा.

गौवंशों की ठंड से सुरक्षा

कड़ाके की ठंड से बेसहारा गौवंशों को बचाने के लिए उन्हें आश्रय प्रदान किया जा रहा है. ठंड से इनकी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार अलाव जलाने का भी प्रबंध कर रही है. प्रदेश के पशुपालन विभाग द्वारा सभी जिलों में पशु चिकित्सा अधिकारियों को कहा गया है कि वो सर्दियों के महीनों के दौरान सूबे की गौशालाओं की कमियों एवं मांगों के बारे में अवगत कराएं.

पशुओं के लिए जूट के बोरों का प्रबंध

पशुमापलन विभाग ने गौशाला संचालकों को ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि गायों के लिए उचित व्यवस्था गौशालाओं में किया जाए. इतना ही नहीं, विभाग द्वारा पशुओं के लिए जूट के बोरे का भी प्रबंध किया गया है, ताकि सर्दियों में उनकी रक्षा हो सके. फिलहाल राज्य में सरकारी गौशालाओं को मोटी पॉलीथीन के पर्दों या तिरपाल से ढकने का आदेश है. ठंडी हवाओं को रोकने के लिए मोटे पर्दे के उपयोग का भी फरमान है.

English Summary: himachal pradesh gau seva aayog provide shelters to more than fifteen thousand cows Published on: 26 December 2020, 12:37 IST

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