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किसानों को जोखिम से बचाता वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज

कृषि में आने वाले बदलावों को जहां एक ओर किसान अपना रहे हैं वहीं नवीन तकनीकियों का भी बाहें फैलाकर किसान स्वागत कर रहे हैं। जहां तकनीकी ने वैश्विक स्तर पर कई क्षेत्रों का कायापलट कर दिया है वहीं कृषि क्षेत्र में भी तकनीकी के माध्यम से बड़े बदलावों की उम्मीद की जा रही है। इन्हीं बदलावों के चलते नित्य नए एप्स, नई तकनीकियां कृषि क्षेत्र में प्रवेश कर रही हैं। इसी दिशा में डब्ल्यूआरएमएस यानी वेदर रिस्क मैनेजमेंट सर्विसेज ने वेब पोर्टल व एप के माध्यम से किसानों को उनकी खेत की छोटी से छोटी जानकारी उपलब्ध करवा उन्हें लाभदायक खेती करने का विकल्प दिया है।

हम क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर पर काम करते हैं। हमारा फोकस इस बात पर है कि सभी किसानों को फसल सुरक्षा की सुविधा मिले। हमारा उद्देश्य सालों से चली आ रही परंपरागत कृषि को और अधिक स्मार्ट बनाना है और इसी दिशा में हम प्रयासरत हैं। वर्ष 2004 में कंपनी की शुरूआत हुई और पिछले 13 वर्षों से हम इसी दिशा में कार्यरत हैं। खासतौर से किसानों के लिए फसल बीमा और मौसम आधारित फसल उत्पादन पर हम बहुत तेजी से काम कर रहे हैं। माई फार्म पोर्टल के माध्यम से हम किसानों को एक्सेस की सुविधा देते हैं। किसान अपने खेत व प्लॉट को हमारी वेबसाइट पर रजिस्टर कर उससे संबंधित कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। खेत की मिट्टी की स्थिति, पीएच मान, आर्द्रता, मौसम, पानी की उपलब्धता आदि जानकारियां, स्वयं के खेत की जानकारी, पोषक तत्वों की आवश्यकता, एनपीके की प्रतिशतता व उपलब्धता, उर्वरक की आवश्यकता आदि जानकारियां किसानों को आसानी से मिल जाएंगी। मौसम की विभिन्न जानकारियां भी हम किसानों को उपलब्ध करवा रहे हैं। इस पूरी प्रक्रिया में तकनीकी से सैटेलाइट तक का जो मिलन है वो हमारी कंपनी करती है। यह कहना है वेदर रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम के एडवाइजर सुजॉय ओझा का जिन्होंने कृषि जागरण से खास मुलाकात के दौरान कंपनी की कार्यशैली और किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारियां साझा कीं।

उन्होंने बताया कि किसानों को यह तकनीकी हम यूजेबल फॉर्मेट में पहुंचाते हैं। यदि किसान चाहे तो हमारी एप्लीकेशंस के माध्यम से भी जानकारियां हासिल कर सकता है। किसान खेत की मैपिंग व जीयो-टैगिंग के माध्यम से अपने खेत की निश्चित जानकारी ले सकता है जैसे फसल के आधार पर उर्वरक की मात्रा, कटाई का सही समय, कीटनाशकों की सही मात्रा का छिड़काव, सिंचाई के लिए कितने पानी की जरूरत है आदि। यहां तक कि हमारी एडवायजरीस भी फसल की स्टेज के आधार पर ही दी जाती हैं। यदि किसान अपनी गतिविधियों का एक खाका तैयार करना चाहे तो हम अपनी इस सुविधा के माध्यम से उसकी मदद करते हैं। हमारी इस सुविधा से फसल की संभाव्यता के बारे में भी किसान आसानी से जान सकेंगे। किसानों को यह भी जानकारी मिलेगी कि वे अपने खेत में किस फसल की खेती कर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। अमूमन देखने में आता है कि एक किसान दूसरे किसान की देखादेखी उसी फसल की खेती करता है जो अन्य किसान करते हैं। उसे यह नहीं पता होता कि उसका खेत इसके लिए तैयार है भी या नहीं। ऐसे में नुकसान किसान को ही होता है। यही कारण है कि हमने किसानों को यह सुविधा देने का निश्चय किया है कि जिस फसल के लिए उसके खेत पूरी तरह से तैयार हैं उस जानकारी को किसानों तक पहुंचाकर उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिलवाना। हम मृदा परीक्षण का डाटा भी किसानों को उपलब्ध करवाते हैं। फसल की स्थाई रिपोर्ट किसानों को मिल जाती है और तो और फसल की शिड्यूलिंग करने में भी हम उनकी मदद करते हैं।

हमारी इस सुविधा के माध्यम से किसान फसल कटाई, फसल उत्पादन, कीटनाशक का स्प्रे, उर्वरक की मात्रा, सिंचाई के लिए पानी की मात्रा व अवधि आदि तय कर सकता है। इसमें हरेक किसान अपनी फसल के अनुरूप टाईम टेबल तैयार कर सकता है। फसलों के अनुसार व परिस्थितियों को देखते हुए किसान कीट नियंत्रण की भी पूरी जानकारी हमारे से ले सकते हैं। वहीं फसलों में किन उत्पादों के इस्तेमाल से अधिक लाभ लिया जा सकता है इसकी भी जानकारी हम किसानों को देते हैं। यही नहीं हम किसानों को एसएमएस या एप द्वारा क्रॉप एडवायजरी भी मुहैया करवाते हैं।

किसान अपने खेत की जानकारी प्राप्त करने के साथ ही यह अनुमान भी लगा सकते हैं कि इस वर्ष उसे कितना उत्पादन होगा? हम किसानों को फसल के स्वास्थ्य को देखकर एक अनुमानित आंकड़े बता देते हैं कि उसे कितना उत्पादन व कितनी आय प्राप्त हो सकती है। सबसे बड़ा फायदा किसानों को यह मिलता है कि फसल कटाई के बाद उसे मार्केट लिंकेज की जानकारी भी हमारे पोर्टल पर मिल जाती है। हम अपने एप के माध्यम से यह जानकारी भी किसानों तक पहुंचा देते हैं कि उनके आसपास कितनी दूरी पर मार्केट उपलब्ध है जहां किसान अपनी उपज बेच सकता है। यही नहीं उसे मंडी भाव भी हम मुहैया करवाते हैं। हमारी इस सुविधा ने किसानों को विकल्प दिए हैं जिसके चलते किसान सिर्फ एक मार्केट में उपज बेचने के लिए बाध्य नहीं है।

इस समय जो देखने में आता है वो यह कि किसानों को यही नहीं मालूम होता कि उनके खेत में क्या बीमारी है जिससे उसका उत्पादन प्रभावित होता है। ऐसे में हम किसानों को बोलते हैं कि आप हमें सिर्फ फोटो खींचकर भेजिए और हम आपको उस बीमारी का समाधान देंगे। सरकार की ओर से मिलने वाले मृदा परीक्षण के जो आंकड़े हैं वो क्षेत्रवार होते हैं, ऐसे में हम यह सुविधा देते हैं कि किसानों को क्षेत्रवार नहीं बल्कि उनके ही खेत का मृदा परीक्षण कर उन्हें आंकड़े उपलब्ध करवाते हैं। हालांकि इसके लिए हम चार्ज लेते हैं लेकिन आंकड़े पूरे पुख्ता होते हैं जिनके आधार पर कोई भी किसान लाभ अर्जित कर सकता है। प्लांट, न्यूट्रिशन व पेस्ट मैनेजमेंट के लिए किसान यदि समूह बनाकर भी जानकारी मांगते हैं तो उनके खर्च में कटौती हो जाती है।

आपको बता दूं कि किसानों के लिए पानी बहुत बड़ी आवश्यकता बन गया है। हालांकि इसके लिए बहुत सारे विकल्प किसानों के पास हैं जैसे ट्यूबवैल, ड्रिप इरीगेशन। इनमें भी सबसे सरल तरीका ट्यूबवैल से सिंचाई करना है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि किसानों को यह भी नहीं पता कि किस फसल में कितना पानी देना है। ऐसे में सिंचाई में उपयुक्त पानी की बर्बादी होती है। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हम इरीगेशन कंट्रोलर्स लगाते हैं। किसी क्षेत्र की मृदा में कितनी आर्द्रता है इसकी जानकारी हमें सॉयल मॉयश्चर मीटर्स से मिलती है। वहीं वेदर स्टेशंस से हम रेनफॉल स्टेटस, ह्यूमिडिटी लेवल आदि की जानकारी लेते हैं। फसल उत्पादन का आंकलन हमारे पास रहता ही है। इस सीजन में हमारी सुविधा लेने वाले 15 हजार किसान जुड़े हुए हैं। वहीं 1 लाख से अधिक किसानों को हमने फसल बीमा योजना के तहत बीमे की राशि उपलब्ध करवाई है। लगभग 22 राज्यों में हम विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से किसानों को फसल बीमा योजना का भी लाभ दिलवा रहे हैं। हालांकि इसके लिए हम राज्य सरकारों से भी लिंकअप कर रहे हैं। भारत के साथ-साथ हम विदेशों में भी अपनी सर्विसेज दे रहे हैं लेकिन अधिकांश विदेशों में हम बीमा आधारित सेवाओं पर ही जोर देते हैं। जहां तक मौसम जोखिम प्रबंधन की बात है तो हम इसे जमीनीस्तर तक पहुंचाना चाहते हैं। हमारा उद्देश्य यही है कि किसी न किसी रूप में हर किसान के पास तकनीकी पहुंचनी चाहिए क्योंकि जब तकनीकी किसानों तक पहुंचेगी तो किसान उस तकनीकी से किस तरह से लाभ ले सकते हैं ये उन्हें समझ में आएगा। हम चाहते हैं कि किसानों को बताएं कि एक फोन उनके हाथ में आने से ही वे कितनी सुविधाएं ले पाते हैं। हम सभी किसानों तक अपनी तकनीकी को पहुंचाना चाहते हैं और पूरे बाजार को लक्षित कर हम कार्य कर रहे हैं। हमारी फील्ड टीम्स किसानों के बीच जाकर उन्हें इन सेवाओं का लाभ उठाने की जानकारी देती हैं। लगभग 5000 लोग सिर्फ इसी कार्य में लगे हैं कि किस तरह से अधिक से अधिक किसानों को जागरूक करें। हम स्मार्ट एग्रीकल्चर के सभी लाभ किसानों तक पहुंचाना चाहते हैं। इसके लिए हम सरकार व अन्य कृषि कंपनियों के साथ हाथ से हाथ मिलाकर काम करेंगे।

रूबी जैन

English Summary: Weather Risk Management Services - Protects from Risks to Farmers - Sujoy Ojha

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