किसानों की खेती ज्यादातर कुदरत के भरोसे होती है. खेतों की फसलों को कभी बारिश तो कभी सूखे की मार झेलनी पड़ती है. फिलहाल सरकार कृषि क्षेत्र के लिए बड़े स्तर पर काम कर रही है, जिससे किसानों के घाटे को कम किया जा सके. बता दें कि हमारे देश में अधिकतर छोटे किसान खेती करते हैं. इसी कड़ी में सरकार किसानों को आधुनिक तरीके (Modern methods) से खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है. इसके लिए एक नया माध्यम भी बताया गया है, जिसको कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, अनुबंध खेती या फिर ठेका खेती (Contract farming) कहा जाता है.
क्या है कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (What is contract farming)
इस खेती का मतलब है कि किसान अपनी जमीन पर ही खेती करेगा, लेकिन वह खेती अपने लिए नहीं बल्कि किसी और के लिए होती है. इस खेती को एक कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर किया जाता है. खास बात यह है कि इस खेती में किसान को कोई लागत नहीं लगानी पड़ती है.
कैसे होता है कॉन्ट्रैक्ट (How is the contract)
किसान कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग किसी कंपनी या व्यक्ति के साथ करता है. इस खेती में किसान द्वारा उगाई गई फसल को कॉन्ट्रैक्टर खरीदता है. खास बात है कि किसान की उगाई फसल के दाम भी कॉन्ट्रैक्ट में पहले से तय किए जाते हैं. इसके अलावा खाद, बीज,सिंचाई और मजदूरी आदि का खर्च भी कॉन्ट्रैक्टर ही उठाता है. किसानों को खेती के तरीके भी कॉन्ट्रैक्टर ही बताता है. इसमें फसल की गुणवत्ता, पैदावार, दाम, फसल को बेचना पहले ही तय हो जाता है.
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से लाभ (Benefits of contract farming)
भारत के कई राज्यों में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग (contract farming) की जा रही है. यह खेती महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में बड़े स्तर पर होती है. बता दें कि किसानों की तरफ से इस खेती के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं. इस खेती से किसान को काफी मुनाफ़ा हो रहा है, साथ ही खेती की दिशा और दशा, दोनों ही सुधर रही है.
खेती और किसानों को लाभ (Farming and benefits to farmers)
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किसानों को फसल के बेहतर भाव मिल जाते हैं.
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किसान बाजार के उतरते-चढ़ते भाव से मुक्त हो जाता है.
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किसानों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो जाता है.
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खेती के नए तरीके सीखने को मिलते हैं.
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खेती में सुधार हो रहा है.
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किसानों को बीज, फर्टिलाइजर के फैसले में मदद मिल जाती है.
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फसल की गुणवत्ता और पैदावार में सुधार हो रहा है.
किसान और कॉन्ट्रैक्टर के लिए जरूरी जानकारी (Important information for farmer and contractor)
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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में दोनों पक्षों के बीच ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होना चाहिए.
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किसान और कंपनी या व्यक्ति के बीच पारदर्शिता होनी चाहिए.
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दोनों पक्षों में कोई भी जानकारी, नियम या शर्त छिपी नहीं होनी चाहिए.
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