डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) उन व्यवसायों में से एक है, जो मौसम या किसी जगह पर निर्भर नहीं होता है. यह कुछ सदाबहार व्यवसायों में से एक है, जिसे आप कहीं भी और कभी भी शुरू कर सकते हैं. दूध और दही ऐसे उत्पाद है, जिनकी मांग हर समय रहती है.
इसके अलावा डेयरी फार्मिंग के लिए बहुत अधिक पूंजी निवेश करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है, तो अगर आपके पास कम पैसा है, तब भी आप इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं.
बता दें कि कई सरकारी योजनाएं हैं, जो आपकी मदद कर सकती हैं. फिलहाल, सरकार डेयरी फार्मिंग बिजनेस को बढ़ावा दे रही है और डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए कई सब्सिडी योजनाएं, ऋण योजनाएं और अन्य सहायता योजनाएं चला रही है. इन्हीं योजनाओं में से एक डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme) है. इस योजना के तहत सरकार डेयरी फार्मिंग बिजनेस के लिए अनुदान दे रही है. इसका लाभ उठाकर आप भी अपना डेयरी फार्मिंग का बिजनेस शुरू कर सकते हैं.
कितनी सब्सिडी मिलेगी (How Much Subsidy Will Be Given)
डेयरी फार्मिंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वैसे तो कई योजनायें लागू की हैं, लेकिन डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत पशुपालकों को डेयरी बिजनेस के लिए 25 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. इसके अलावा अगर आप आरक्षित कोटे से हैं, तो इसमें आपको 33 फीसदी अनुदान मिलेगा. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको एक प्रोजेक्ट फाइल तैयार करके नाबार्ड के कार्यालय में संपर्क करना होगा.
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डेयरी फार्मिंग बिजनेस के फायदे (Advantages of Dairy Farming Business)
इस बिजनेस से एक ही नहीं बल्कि अनेकों फायदे है. इसमें दूध से लेकर जानवरों के गोबर तक को बेचकर अच्छा पैसा कमाया जा सकता है. वहीँ आप आर्गेनिक खाद बनाने में भी इसके गोबर का इस्तेमाल कर सकते हैं. दूध से बने प्रोडक्ट जैसे दही, पनीर आदि की बाज़ार में कीमत के साथ – साथ मांग भी तेजी से है.
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