1. Home
  2. सरकारी योजनाएं

जैविक खेती पर ध्यान दे रही है सरकार, किसानों को जोड़ने के लिए बजट हुआ पास

किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं को संचालित कर रही है. केंद्र सरकार ने भी इस दिशा में किसानों को जोड़ने के लिए 1500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है.

प्रबोध अवस्थी
प्रबोध अवस्थी
जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने की बजट की घोषणा
जैविक खेती के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने की बजट की घोषणा

केंद्र सरकार अब किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है सरकार ने इसके लिए अलग से बजट की भी व्यवस्था की है. देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार किसानों को सरकार अब प्राकृतिक या जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने पर बल दे रही है. उन्होंने बताया कि अगर किसान अपनी अच्छी फसल के लिए रासायनिक उर्वरक का प्रयोग करना भी चाहते हैं तो पहले उनको मृदा का परीक्षण करवाना चाहिए उसके बाद आवश्यकता के अनुसार ही उनको रासायनिक उर्वरक का उपयोग करना चाहिए. सरकार इस दिशा में किसानों को अधिक से अधिक जोड़ने का प्रयास कर रही है. सरकार 3 साल में एक करोड़ से ज्यादा किसानों को प्राकृतिक खेती की इस धरा में जोड़ेगी.

जैविक खेती के लिए 1500 करोड़ रूपये का बजट
जैविक खेती के लिए 1500 करोड़ रूपये का बजट

1500 करोड़ रूपये के बजट का है प्रावधान

केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि उनकी सरकार किसानों के हितों में निरंतर काम कर रही है. सरकार का लक्ष्य किसानों की आय को बढ़ाना और उनको समृद्ध करना. इसके साथ ही सरकार प्राकृतिक खेती पर भी जोर दे रही है. सरकार ने इस दिशा में किसानों को आगे बढ़ाने के लिए 1500 करोड़ रुपये के बजट का भी प्रावधान रखा है. कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार अब रासायनिक खेती को बढ़ावा न देते हुए किसानों को अच्छे बीज और जैविक खाद की व्यवस्था पर जोर दे रही है. जिससे किसानों की फसल को उनकी मृदा के अनुसार ही बीजों को उपलब्ध करा कर प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जा सके.

किसानों की खुशहाली देश की प्राथमिकता
किसानों की खुशहाली देश की प्राथमिकता

किसानों की आय में वृद्धि करेगी जैविक खेती

किसानों की आय में यह जैविक खेती उनकी वर्तमान आय से कई गुना तक की वृद्धि कर सकती है. सरकार के अनुसार एक बार किसान को इस धारा में लाने के बाद इससे संबंधित कई तरह के अन्य रोजगार स्वतः ही उत्पन हो जायेंगे, जो किसानों की आय को कई गुना तक बढ़ा सकते हैं. इससे किसान खेती के साथ ही एक अन्य व्यवसायिक गतिविधि का हिस्सा भी बन सकेगा. सरकार किसानों को जीवामृत खाद को बनाने और उसे खुद के खेतों में प्रयोग में लाने के लिए जोर दे रही है. किसान इस खाद को बनाने के बाद इसे खुद के प्रयोग में तो ला ही सकते हैं साथ ही इसे व्यावसायिक रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें- IoTechWorld Avigation के पहले कृषि ड्रोन के उपयोगकर्ता को मिलेगी सरकारी सब्सिडी

 जानें क्या होती है जीवामृत खाद

रासायनिक खाद के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए सरकार अब फिर से जैविक खेती को प्रोत्साहित करते हुए देखी जा सकती है. वह किसानों को जीवामृत खाद के लिए भी कई योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है. यह खाद गुड़, गोमूत्र, बेसन, गोबर आदि के मिश्रण से तैयार की जाती है. इसके लिए किसान को किसी बाज़ार से कोई खर्चा नहीं करना पड़ता है बल्कि खुद के खेत या घर पर तैयार होने वाली यह खाद किसान खुद ही बना सकता है. एक बार तैयार होने के बाद किसान इसे 6 महीने तक प्रयोग में ला सकता है. 

यह भी पढ़ें- 2026 तक चलेगी प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

रासायनिक खाद को लेकर भी नैनो तकनीकी का विकास
रासायनिक खाद को लेकर भी नैनो तकनीकी का विकास

नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी को किया विकसित

भारत के वैज्ञानिको ने फसल में पड़ने वाली यूरिया या कोई अन्य रासायनिक खाद को लेकर भी नैनो तकनीकी का विकास किया है. वैज्ञानिकों द्वारा हुए इस तकनीकी को फसलों में खाद की सही मात्रा को उपलब्ध कराना था. इस तकनीकी विकास के बाद किसान अपने खेतों में पड़ने वाली खाद की मात्रा को सही अनुपात में डाल सकेंगें. इससे भूमि की उर्वरता को स्थिरता को प्रदान करने में भी सहायता मिलेगी. साथ ही पौधों को उनकी आवश्यकता के अनुसार ही खाद उपलब्ध हो पायेगी. इससे किसानों को खाद पर होने वाले अनावश्यक खर्च से भी छुटकारा मिलेगा.

English Summary: Central government's focus is on organic farming government proposed budget for natural farming Published on: 28 April 2023, 06:37 IST

Like this article?

Hey! I am प्रबोध अवस्थी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News