Wheat Crop: गेहूं की फसल किसानों के लिए काफी लाभकारी मानी जाती हैं. गेहूं की खेती से किसान अधिक से अधिक कमाई सरलता से कर सकते हैं. वहीं, अगर किसान अपने खेत में गेहूं की उन्नत किस्मों की बुवाई करते हैं, तो वह कम खर्च में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसी क्रम में आज हम देश के किसानों के लिए गेहूं की टॉप पांच नवीनतम उच्च उपज देने वाली किस्मों की जानकारी लेकर आए हैं. गेहूं की ये किस्म MACS SAKAS (MACS 6768), Pusa Wheat 3369 (HD 3369), Karan Aditya (DBW 332), Pusa Vakula (HI 1636) और HUW 838 हैं. गेहूं की ये सभी उन्नत किस्में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और अन्य कई राज्यों के किसानों के लिए उपयुक्त हैं.
गेहूं की ये किस्म 100-160 दिन में पक जाती हैं और साथ ही इनका औसत उत्पादन 78 क्विंटल/हेक्टेयर तक है. बता दें कि गेहूं की ये टॉप पांच नवीनतम उपज देने वाली किस्में जलवायु प्रतिरोधी बायो-फोर्टिफाइड हैं. ऐसे में आइए गेहूं की इन किस्मों के बारे में जानते हैं-
गेहूं की टॉप पांच नवीनतम उच्च उपज देने वाली किस्में
MACS SAKAS (MACS 6768)- गेहूं की MACS SAKAS (MACS 6768) किस्म करीब 116 दिन में पक जाती है और यह किस्म मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिवीजन) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिवीजन) के किसानों के लिए काफी उपयुक्त है. गेहूं की इस किस्म में प्रोटीन 12.0%, आयरन 41.2 पीपीएम, जिंक 45.1 पीपीएम तक पाया जाता है. वहीं, गेहूं की एमएसीएस सकास (एमएसीएस 6768) किस्म का औसत उत्पादन 57 क्विंटल/हेक्टेयर तक है.
Pusa Wheat 3369 (HD 3369)- गेहूं की Pusa Wheat 3369 (HD 3369) किस्म लगभग 149 दिन में पूरी तरह से पककर तैयार हो जाती है. गेहूं की इस किस्म को पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के किसान काफी अधिक करते हैं. इस किस्म में आयरन 40.6 पी.पी.एम पाया जाता है. वहीं, गेहूं की यह किस्म औसत उत्पादन 54 क्विंटल/हेक्टेयर तक है.
Karan Aditya (DBW 332)- गेहूं की करण आदित्य (DBW 332) किस्म लगभग 156 दिन में पक जाती है. इस किस्म में प्रोटीन 12.2 प्रतिशत तक पाया जाता है. वहीं, गेहूं की इस किस्म के उत्पादन की बात करें, तो इसका औसत उत्पादन 78 क्विंटल/हेक्टेयर तक होता है.
Pusa Vakula (HI 1636)- पूसा वकुला (एचआई 1636) किस्म खेत में 119 दिनों में पक जाती है. गेहूं की इस किस्म में जिंक 44.4 पीपीएम पाया जाता है. गेहूं की पूसा वकुला (एचआई 1636) किस्म को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए उगाया जाता है. इस किस्म की औसतन उपज क्षमता 57 क्विंटल/हेक्टेयर तक है.
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HUW 838- गेहूं की HUW 838 किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के किसानों के लिए उपयुक्त है. गेहूं की यह किस्म 148 दिनों में पूरी तरह से पक जाती है. इस किस्म में 41.8 पीपीएम जिंक पाया जाता है. किसान गेहूं की HUW 838 किस्म से प्रति हेक्टेयर 51.3 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
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