भारत की आधे से ज्यादा आबादी गांव में निवास करते हैं, इसलिए भारत में बड़े पैमाने पर लोग खेती करते हैं. अब जहां खेतीबाड़ी की बात आ जाए, वहां मानसून (Monsoon 2022) का ज्रिक होना अनिवार्य है, क्योंकि किसान भाई अच्छी तरह जानते हैं कि खेतीबाड़ी में मानसून (Monsoon 2022) का कितना महत्व है.
जी हां, अगर साफ शब्दों में कहा जाए, तो भारत में उगाई जाने वाली तमाम फसलें मानसून पर निर्भर हैं. अगर मध्य भारत के राज्यों की बात करें, तो यह वर्षा पर निर्भर खेती की जमीन से युक्त है. कुल मिलकर कहा जाए, तो मानसून (Monsoon 2022) से किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई करने में बहुत मदद मिलती है.
इससे फसलों का रकबा भी बढ़ जाता है. जब मानसून (Monsoon 2022) दस्तक देने वाला होता है, तब किसान अपने खेतों को लेकर बहुत सक्रिय हो जाते हैं. वहीं, अधिकतर किसान खरीफ फसलों की बुवाई करने की तैयारियां शुरू कर देते हैं. तो चलिए आज हम इस लेख में बताते हैं कि आखिर खेती में मानसून (Monsoon 2022) का इतना महत्व क्यों है?
साल 2022 में कब दस्तक देगा मानसून (When will the monsoon knock in the year 2022?)
किसानों के लिए मानसून (Monsoon 2022) की स्थिति जानना काफी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि हर साल मानसून के आगमन, तीव्रता, अवधि और निकासी में उतार-चढ़ाव होता है. कभी मानसून की बारिश (Monsoon Rains) में देर हो जाती है, तो कभी सामान्य से अधिक बारिश होती है, जिसके चलते किसानों को खेतों की फसल में नुकसान भी हो जाता है.
ऐसे में किसानों के लिए मानसून का पूर्वानुमान (Monsoon Forecast) जानना जरूरी है. अगर साल 2022 की बात करें, तो इस साल मानसून किसानों को बड़ी राहत देने वाला है, क्योंकि कई साल के बाद मानसून सामान्य रह सकता है. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट (Skymet) की मानें, तो इस साल मानसून सामान्य रह सकता है. वहीं, इस साल 96 से 104 प्रतिशत तक औसत बारिश होने की संभावना जताई जा रही है.
कृषि उपज पर मानसून का असर (Impact of monsoon on agricultural yield)
जैसा कि हमने कहा कि किसान खेती के लिए मानसून (Monsoon 2022) पर निर्भर रहते हैं. कई फसलों की बुवाई के लिए बारिश की जरूरत पड़ती है. अगर मानसून की स्थिति सामान्य रहे, तो कृषि उपज (Agri Produce) अच्छी होती है. अगर किसानों को कृषि उपज बेहतर मिलती है, तो इस वजह से ग्रामीण इलाके की अर्थव्यवस्था में भी काफी अच्छा सुधार होता है.
किसानों की जेब में पैसा आता है. कई ऐसे सेक्टर हैं, जिसकी कंपनियों पर मानसून (Monsoon 2022) का असर देखा जाता है. अगर मानसून से ग्रामीण भारत (Rural India) की अर्थव्यवस्था सुधरती है, तो भारत की जीडीपी (Indias GDP) को अच्छा लाभ होता है, क्योंकि ग्रामीण भारत (Rural India) की अर्थव्यवस्था में जीडीपी (GDP) का बड़ा योगदान है.
किसानों को मानसून की बौछार से मिलती है राहत (Farmers get relief from monsoon rains)
मानसून (Monsoon 2022) का इंतजार ना सिर्फ किसान भाई करते हैं, बल्कि जून की कड़कती धूप से परेशान आम लोग भी मानसून (Monsoon 2022) का इतंजार करते हैं. मानसून की बारिश (Monsoon Rains) राहत के संकेत लेकर आती है.
बताया जाता है कि दिल्ली में साल 2008 में मानसून (monsoon) की बारिश तय समय से पहले हुई थी. उस समय 15 जून को मानसून (Monsoon 2022) की पहली बारिश शुरू हुई. इस साल भी अनुमान लगाया जा रहा है कि मानसून समय से दस्तक देगा. देशभर के राज्यों में मानसून (Monsoon 2022) की बारिश अच्छी होगी.
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