1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Monsoon 2022: मानसून पर निर्भर होती है बाजरा की बुवाई, तब तक किसान घर पर तैयार करें जैविक खाद

बाजरा की बुवाई का समय मानसून पर निर्भर होता है, जिसके लिए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक का समय उपयुक्त माना जाता है. बता दें कि इस समय तक मानसून भी दस्तक दे चुका होता है. इससे किसानों को काफी लाभ मिलता है.

कंचन मौर्य
clouds
खरीफ सीजन में फसलों की खेती

देश के कई राज्यों में किसान खरीफ सीजन में कई तरह की फसलों की खेती करते हैं. इसमें बाजरा की फसल भी शामिल है. कई किसान खरीफ सीजन में बाजरा की खेती को प्रमुख स्थान पर रखते हैं. इसकी बुवाई का समय मानसून पर निर्भर होता है, जिसके लिए 1 जुलाई से 15 जुलाई तक का समय उपयुक्त माना जाता है. बता दें कि इस समय तक मानसून भी दस्तक दे चुका होता है. इससे किसानों को काफी लाभ मिलता है.

मानसून की बारिश में बुवाई

किसान भाइयों को बता दें कि मानसून में 50 एमएम से ज्यादा बारिश होने पर बाजरा की बुवाई की जा सकती है. इसकी खेती में किसान जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं. बता दें कि रासायनिक खाद का लगातार उपयोग करने से मिट्टी की संरचना और बनावट में काफी बदलाव आ गया है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस साल किसानों को बाजरे की बुवाई की तैयारियां जुलाई में शुरू कर देनी चाहिए. इसके साथ ही बताया है कि किसानों को 1 एकड़ खेत में लगभग डेढ़ से 2 किलो बीज की बुवाई करनी चाहिए.

जैविक खाद का करें उपयोग

रासायनिक खाद का उपयोग करके मिट्टी नमी रहित और सख्त बन जाती है. ऐसे में जैविक खाद का उपयोग करना आवश्यक हो जाता है. इसके उपयोग से भूमि को उपजाऊ बनाया जा सता है, साथ ही आवश्यकतानुसार फसल उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है. खास बात है कि जैविक खाद तैयार करना आसान और सस्ता होता है. अगर रसायनिक खाद से इसकी तुलना करें, तो यह फसल और मिट्टी को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचती है. इसके उपयोग से मिट्टी में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होती है. इसके साथ ही भौतिक और जैविक गुणों में वृद्धि हो पाती है. 

ये खबर भी पढ़ें: Monsoon 2020: मानसून की बारिश से बढ़ेगा खरीफ फसलों का रकबा, किसानों को मिलेगी बंपर पैदावार

जैविक खाद तैयार करना

  • सबसे पहले आवश्कयतानुसार नीम के पत्ते और नीम की निंबोलियां, आकड़ा, धतूरे के पत्ते, हरी मिर्च को कूट कर अच्छी तरह इनका रस निकाल लें.

  • इसके बाद आवश्कयतानुसार लस्सी, गाय का गोबर, एक टुकड़ा तांबा और एक टुकड़ा लोहे को एक मटके में डाल दें.

  • अब इसको करीब 10 से 15 दिन के लिए किसी पेड़ की छाया में दबा दें.

  • अब मिश्रण को निकालकर छान लें और छिड़क दें.

English Summary: Sowing of millet in monsoon, till then farmers prepare organic manure at home Published on: 10 June 2020, 04:12 PM IST

Like this article?

Hey! I am कंचन मौर्य. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News