1. Home
  2. खेती-बाड़ी

भिंडी में लगने वाले प्रमुख कीट एवं बीमारियों की रोकथाम, ऐसे रखें फसल को सुरक्षित

सभी किसान भाईयों को पता है कि जून का महीना वर्षाकालीन भिड़ी की बुवाई का होता है. इसकी अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है कि इसकी अच्छी देखरेख हो. हमारे यहां किसान खेती पर मेहनत तो खूब करते है, लेकिन अक्सर कीट प्रबंधन या कीटों की रोकथाम में लापरवाही कर जाते है. यही कारण है कि अच्छी मेहनत के बाद भी उपज से अधिक मुनाफा नहीं होता. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे आसान तरीके बताने जा रहे हैं, जिसके माध्यम से कम से कम लागत में आप भिंडी में लगने वाली बीमारियों को रोक सकते हैं.

सिप्पू कुमार

बीमारियां और मिट्टी

अगर आप भिण्ड़ी की खेती करने जा रहे हैं, तो पहले जान लें कि भूमि का पी.एच. मान कितना है. क्योंकि गलत भूमि पर इसकी खेती करने का मतलब भिंडी में बीमारियों को आमंत्रण देना है. आम तौर पर 7 से 8.5 तक का पीएच मान इसकी खेती के लिए उपयुक्त होता है. अगर आपके क्षेत्र का वातावरण 25 से 35 डिग्री तक के बीच है, तो आप अच्छी पैदावार होने की संभावनाएं बढ़ जाती है.

भिंडी में लगने वाले प्रमुख रोग

पीत शिरा रोगः

इस रोग के प्रभाव में आकर भिंडी की पत्तियों की शिराएं पीली होने लग जाती है. धीरे-धीरे पूरे पौधे को बीमार करते हुए ये रोग फलों को भी अपनी चमेट में लेकर उन्हें पीलाकर देता है.

रोकथाम:

इस रोग के रोकथाम के लिए आप ऑक्सी मिथाइल डेमेटान या डाइमिथोएट का उपयोग कर सकते हैं.

चूर्णिल आसिता:

चूर्णिल आसिता रोग की पहचान आसानी से हो सकती है. इसके प्रभाव में आकर पत्तियों पर पीले धब्बे बनने लग जाते हैं. इन धब्बों पर सफेद चूर्ण युक्त पदार्थ होता है.

रोकथाम:

इस रोग की उपेक्षा करना सही नहीं है. रोकथाम के लिए तुरंत घुलनशील गंधक या हेक्साकोनोजोल का उपयोग करें. ध्यान रहे कि इस रोग के प्रकोप से उपज 35 प्रतिशत तक कम हो सकती है.

कीट एवं बचाव

फल छेदकः

फल छेदक कीट का कहर भिंडी पर वर्षा के मौसम में पड़ता है. ये कीट कोमल तने छेदते हुए उसे सूखा देते हैं. धीरे-धीरे ये पौधें को इतना कमजोर कर देते हैं कि फल लगने के पूर्व ही फूल गिरा देते हैं. लगे हुए फलों को भी ये छेदकर खा जाते हैं.

रोकथाम:

रोकथाम हेतु क्विनॉलफॉस 25 प्रतिशत ई.सी., क्लोरपाइरोफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. अथवा प्रोफेनफॉस 50 प्रतिशत ई.सी. की 2.5 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी के मान से छिडकाव करें तथा आवयकतानुसार छिडकाव को दोहराएं.

रेड स्पाइडर माइट:

इन कीटों का प्रकोप पत्तियों की निचली सतह पर होता है. पत्तियों की कोशिकाओं में छिद्र करतेहुए ये उन्हें सूखा देते हैं.

रोकथाम:

इनके रोकथाम के लिए डाइकोफॉल का उपोयग करें. अगर आप चाहें तो जैविक कीटनाशकों जैसे नीम आदि का भी छिड़काव कर सकते हैं.

English Summary: major diseases in okra and prevention know more about okra and plant health Published on: 11 June 2020, 02:40 PM IST

Like this article?

Hey! I am सिप्पू कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News