देश में बिहार (Bihar) मक्के का सबसे बड़े उत्पादक (Maize Farming) राज्य है. साथ ही यह देश का तीसरा सबसे बड़ा मक्का उत्पादक (Largest Maize Production) राज्य है, जो राष्ट्रीय उत्पादन में लगभग 10 प्रतिशत का योगदान देता है. वर्तमान में लगभग 0.65 मिलियन हेक्टेयर में मक्के की खेती होती है, जो राज्य के सकल फसल क्षेत्र का लगभग 7 प्रतिशत है और 13 लाख से अधिक किसान मक्का की खेती में लगे हुए हैं. इसी संदर्भ में आज हम आपको मक्के की एक ऐसी किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको उगाने से किसानों को इसकी बंपर पैदावार मिल सकेगी.
सिजेंटा NK 30+ मक्का वैरायटी (Syngenta NK 30+ Maize)
मक्के की उन्नत किस्मो में यह किस्म भी किसानों मे पहली पसंद बनी हुई है, जो 115 -120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है. प्रति एकड़ उत्पादन की बात करें तो यह 30 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ उपज देती है. इस किस्म का जमीन में जड़ों का फैलाव अधिक होता है जिससे पौधा कटाई तक मजबूती से खड़ा रहता है.
मौसम
सिजेंटा NK 30+ को खरीफ मौसम में बोना चाहिए.
बुवाई का समय
सिजेंटा NK 30+ के बुवाई का उपयुक्त समय मई से जुलाई होता है. इसके बुवाई की गहराई 3 सेंटीमीटर होनी चाहिए.
फसल अवधि
सिजेंटा NK 30+ किस्म 115 से 120 दिन में ही पाक जाती है.
बीज दर
सिजेंटा NK 30+ की बीज दर 8 किग्रा प्रति एकड़ होती है.
अंतर
सिजेंटा NK 30+ को बोने के लिए पंक्ति से पंक्ति का अंतर 60 सेमी होना चाहिए व पौधे से पौधे 25 सेमी होना आवश्यक है.
पौधों की आबादी
सिजेंटा NK 30+ के एक एकड़ में करीब 26,666 पौधे लग सकते हैं.
उर्वरक प्रबंधन
सिजेंटा NK 30+ की अच्छी पैदावार के लिए 48:24:20 प्रति एकड़ की दर से NPK का इस्तेमाल करें.
सिंचाई
सिजेंटा NK 30+ किस्म के मकई की 6-10 दिनों के अंतराल पर नियमित सिंचाई करनी चाहिए. ध्यान रहे कि 30 दिनों तक खेत में ज्यादा पानी का ठहराव ना रहे.
किस राज्य के लिए उपयुक्त है सिजेंटा NK 30+
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में सिजेंटा NK 30+ किस्म बहुत ही अच्छी तरह से फलती-फूलती है.
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