सोयाबीन (Soybean) दलहन की फसल है. इसमें प्रोटीन की बहुत अधिक मात्रा पाई जाती है. इसका वानस्पतिक नाम ग्लाईसीन मैक्स है. अगर साल 2019 की बात करें, तो इस दौरान भारत में 9 करोड़ टन सोयाबीन (Soybean) की उपज हुई थी.
मगर भारत प्रयास कर रहा है कि वह दुनिया के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक देशों में शामिल हो सके. इसके लिए सोयाबीन (Soybean) की ज्यादा उपज देने वाली किस्म की मदद ली जाएगी. बताया जा रहा है कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सोयाबीन की नई किस्म (New Soybean Variety MACS 1407) मददगार हो सकती है.
सोयाबीन की नई MACS 1407 किस्म (New MACS 1407 Variety of Soybean)
इस किस्म को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान एमएसीएस-अग्रहार रिसर्च इंस्टीट्यूट (ARI), पुणे के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है. इसके साथ ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR), नई दिल्ली ने सहयोग किया है. सोयाबीन की यह नई (Soybean Variety) विकसित किस्म है, जो कि झारखंड, छत्तीसगढ़, असम, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त है.
इस किस्म के बीज अगले साल 2022 के खरीफ के मौसम के दौरान किसानों को बुवाई के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे. बता दें कि सोयाबीन की यह किस्म (Soybean Variety) अधिक उपज देने वाली है, साथ ही रोग प्रतिरोधी है, इसलिए भारत की उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकती हैं.
सोयाबीन की इस किस्म से अधिक उपज (Higher yield from this variety of soybean)
सोयाबीन की MACS 1407 को वैज्ञानिकों ने पारंपरिक क्रॉस ब्रीडिंग तकनीक का इस्तेमाल कर विकसित किया है. इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर में 39 क्विंटल है. ऐसे में यह सबसे अधिक ऊपज वाली किस्म है.
रोग प्रतिरोधी किस्म (Disease resistant variety)
यह किस्म लीफ माइनर, गर्डल बीटल, लीफ रोलर, एफिड्स, व्हाइट फ्लाई, स्टेम फ्लाई और डिफोलिएटर जैसे प्रमुख कीट-पतंगों से लड़ने की क्षमता रखती है.
सोयाबीन की इस किस्म का बुवाई का समय (Sowing time of this variety of Soyabean)
सोयाबीन की इस किस्म (Soybean Variety) की बुवाई 20 जून से 5 जुलाई के दौरान कर सकते हैं. यह इसे अन्य किस्मों की तुलना में मानसून की अनिश्चितताओं का अधिक प्रतिरोधी बनाता है.
सोयाबीन की इस किस्म की तैयार होने में 104 दिन लगता है समय (This variety of soybean takes 104 days to be ready)
इस किस्म को 50 प्रतिशत फूलों के फलों में बदलने के लिए औसतन 43 दिनों की जरूरत होती है. इसके साथ ही परिपक्व होने में बुवाई की तारीख से 104 दिन लगते हैं. इसमें सफेद रंग के फूल, पीले रंग के बीज और काले हिलम होते हैं. इसके अलावा बीजों में 19.81 प्रतिशत तेल की मात्रा पाई जाती है, तो वहीं 41 प्रतिशत प्रोटीन की मात्रा होती है. यह अच्छी अंकुरण क्षमता दर्शाती है.
सोयाबीन की यह किस्म कम खाद और पानी वाली (This variety of soybean is low in fertilizer and water)
सबसे खास बात यहा है कि यह कीट प्रतिरोधी, कम पानी और खाद की जरूरत वाली किस्म है और यांत्रिक कटाई के लिए उपयुक्त है.
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