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मक्का की फसल को बर्बाद कर सकता है फॉल आर्मीवर्म, ऐसे करें पहचान और उसकी रोकथाम

देश के कई क्षेत्रों में किसान मक्का की खेती कर रहे हैं. यह खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल मानी जाती है, जिसकी खेती से किसान अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, इसलिए कड़ी मेहनत के साथ इसकी खेती में जुट जाते हैं.

कंचन मौर्य
makka
Maize crop

देश के कई क्षेत्रों में किसान मक्का की खेती कर रहे हैं. यह खरीफ सीजन की एक प्रमुख फसल मानी जाती है, जिसकी खेती से किसान अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं, इसलिए कड़ी मेहनत के साथ इसकी खेती में जुट जाते हैं. कई बार मक्का की फसल को कई कीट और रोग काफी नकसान पहुंचा देते हैं, जिससे फसल की पैदावार कम हो जाती है. 

इसमें फॉल आर्मीवर्म भी शामिल है. यह एक ऐसा कीट है, जो कि एक मादा पतंगा अकेले या समूहों में अपने जीवन काल में 1 हजार से अधिक अंडे देती है. यह बालों से ढके होते हैं. अण्डों का ऊष्मायन अवधि 4 से 6 दिन तक की होती है. इसके साथ ही नए पैदा हुए लार्वा हैचिंग साइट से नई पत्तियों की निचली सतह की बाह्य परतों पर खाने के लिए पहुंचते हैं.

बता दें कि लार्वा का विकास 14 से 18 दिन में होता है. इस दौरान यह इंस्टार नामक छः अवस्थाओं से गुजरता है. इसके बाद प्यूपा में विकसित हो जाता है, जो कि लाल भूरे रंग का दिखाई देता है. यह 7 से 8 दिनों के बाद वयस्क कीट में परिवर्तित हो जाता है. बता दें कि यह वयस्क पतंगे 4 से 6 दिनों तक जीवित रह सकते हैं. आइए आपको फॉल आर्मी वर्म की हानिकारक अवस्था और उसकी रोकथाम की जानकारी देते हैं.

फॉल आर्मी वर्म कीट की हानिकारक अवस्था (Harmful condition of fall army worm pest)

इसकी लार्वा अवस्था ही मक्का की फसल को बहुत नुकसान पहुंचती है. इसके लार्वा मुलायम त्वचा वाले होते हैं, जो कि बढ़ने के साथ हल्के हरे या गुलाबी से भूरे रंग के हो जाते हैं.  

फॉल आर्मीवर्म कीट की रोकथाम (Fall army worm pest prevention)

  • मानसून से पहले शुष्क बुवाई करना ज्यादा प्रभावी होता है.

  • अगर शुष्क बुवाई नहीं की है, तो मानसून की बारिश के साथ ही बुवाई कर दें. ध्यान रहे कि देर से बोई गई फसल में इस कीट का प्रकोप ज्यादा होता है.

  • अनुशंसित पौध अंतरण पर बुवाई करें.

  • संतुलित उर्वरकों का अनुशंसित मात्रा में विशेषकर नाईट्रोजन की मात्रा का ज्यादा प्रयोग न करें.

  • जिन क्षेत्रों में खरीफ सीजन में मक्का की खेती की जाती है, उन क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन मक्का न लें, बल्कि अनुशंसित फसल चक्र अपनाएं.

  • अंतवर्ती फसल के रूप में दलहनी फसल मूंग, उड़द की खेती करें.

  • फसल बुवाई के तुरंत बाद पक्षियों के बैठेने के लिए जगह हेतु 10 टी आकार की खूंटिया खेत में लगा दें.

  • फॉल आर्मीवर्म पर नजर रखने के लिए 5 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से अंकुरण पर या उससे पहले लगा दें.

  • अगर कीट की बढ़ती संख्या को रोकना है, तो नर पतंगों को फसाने के लिए 15 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगा दें.

  • पहला छिड़काव नीम बीज गिरी सत (NSKE) 5% या नीम तेल 1500 पीपीएम 5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें.

  • कीट के प्रकोप की प्रारंभिक अवस्था मे जैविक कीटनाशक के रूप में बेसिलस थुरिंजिएन्सिस (Bt) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी मे घोलकर छिड़क दें. ध्यान रहे कि इसका छिड़काव सुबह या शाम के समय ही करें.

  • करीब 5 से 10 प्रतिशत प्रकोप होने पर रासायनिक कीटनाशक क्लोरे

ट्रानिलिप्रोएल 5 प्रतिशत एसपी @ 0.4 मिली प्रति लीटर पानी या स्पिनेटोरम 11.7 प्रतिशत एसी @ 0.5 मिली प्रति लीटर पानी या थियामेथोक्जाम 12.6 प्रतिशत+ लैम्ड़ा साहइलोथ्रिन 9.5 प्रतिशत जेड सी 0.25 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़क दें.

डॉ. एस. के. त्यागी, कृषि विज्ञान केंद्रखरगौन, मध्य प्रदेश

English Summary: Knowledge of fall armyworm pest and its prevention in maize crop Published on: 05 July 2020, 12:30 PM IST

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