हम किसानों को बताने जा रहे हैं कि खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर सही समय पर तैयारी हो जाती है तो काम आसान हो जाता है और फसल भी अच्छी होती है. खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किसान कर लेंगे ये तैयारी तो काम हो जाएगा आसान, पैदावार भी होगी शानदार
सांकेतिक तस्वीर (symbolic picture)
रबी फसलों की कटाई का काम हो चुका है. किसान अनाज और पशु चारा को सुरक्षित रख लिए हैं. अब उन्हें खरीफ मौसम की फसलों की बुवाई के लिए तैयारी करनी है. कई इलाकों में अच्छी बारिश होने के बाद से इस दिशा में काम शुरू भी हो गया है. ऐसे में हम किसानों को बताने जा रहे हैं कि खरीफ फसलों की बुवाई से पहले किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर सही समय पर तैयारी हो जाती है तो काम आसान हो जाता है और फसल भी अच्छी होती है.
रबी फसल की कटाई और खरीफ फसलों की बुवाई के बीच किसानों को कुछ समय मिल जाता है. इस कारण वे पहले ही तैयारी करने की स्थिति में होते हैं. हालांकि खरीफ फसल की कटाई और रबी फसलों की बुवाई के वक्त किसानों के पास बिल्कुल समय नहीं होता है. इस वजह से उस वक्त मेहनत भी ज्यादा लगती है. मशीन से काटे गए गेहूं के खेत में रोटावेटर से कराएं जुताई बदलते दौर में खेती-किसानी के काम में मशीनों का उपोयग बढ़ गया है. गेहूं की कटाई कंबाइन (हार्वेस्टर) से होती है. ये फसल को काफी ऊपर से काटता है. इस कारण खेत में डंठल रह जाते हैं. डंठल को जलाना खेत की उर्वरक शक्ति के साथ ही पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है. ऐसे में एक अच्छी बारिश के बाद रोटावेटर हल से खेत की जुताई करा देनी चाहिए. इससे डंठल के छोटे-छोटे टुकड़े हो जाते हैं और बारिश के बाद गलकर खेत में ही खाद बन जाते हैं.
इस महीने कर लें उड़द और मूंग की बुवाई
अगर किसानों को ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की बुवाई करनी है तो इस महीने तक उसे संपन्न कर लें. इससे खरीफ फसलों की बुवाई का काम भी समय से हो सकेगा. इसमें देरी का असर आपकी अगल फसल की तैयारी के साथ दलहन के पैदावार पर भी पड़ेगा. अरहर और कपास की बुवाई से पहले खेत की जुताई का काम पूरा कर लें. उन्नत किस्म की बीजों की खरीद जैसे कार्य भी समय पर निपटा लें. कोरोना महामारी का समय चल रहा है तो बाजार आते-जाते वक्त पूरी सावधानी रखें.
धान की नर्सरी के लिए तैयार कर लें खेत
धान की नर्सरी बनाने का काम भी अब शुरू होगा. ऐसे में उन्नत बीज, खाद, खर-पतवार नाशक और कीटनाशक की खरीद कर लें. खेत की जुताई कराकर कुछ समय के लिए छोड़ दें. बारिश के बाद दोबारा जुताई करा दें ताकि खरपतवार धूप से समाप्त हो जाएं. अगर इसके बाद भी नर्सरी के खेत में खरपतवार रह जाता है तो उसकी निराई कर लें.
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गोबर और कंपोस्ट की खाद डालकर मिट्टी में मिला दें
धान की कटाई के बाद कुछ खेतों में किसान बीना जुताई के ही सरसों, मटर, मसूर और तीसी की फसल बो देते हैं. अब इन फसलों की कटाई हो चुकी है लेकिन खेत उबड़-खाबड़ है तो ऐसे खेतों में समतलीकरण का कार्य कर लें, जिससे खेत में कम पानी की जरूरत हो और अच्छी फसल मिल सके.
जून में बोई जाने वाली फसलों के लिए खेत की जुताई करा दें. दोबार जुताई कराने से पहले गोबर की खाद या कंपोस्ट की खाद खेत में डालकर मिट्टी में मिला दें. इससे उर्वरक शक्ति बढ़ेगी और फसल की बढ़वार व पैदावार अच्छी होगी.
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