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Potato Varieties: आलू की ये दो उन्नत किस्में किसानों की बदल सकती हैं किस्मत, पैदावार प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल तक

Potato Varieties: आलू की कुछ ऐसी भी किस्में हैं, जो हर एक मौसम में किसानों को बढ़िया पैदावार देती हैं. इन्हीं किस्मों में से आलू की कुफरी संगम, कुफरी मोहन किस्में हैं, जो 60-90 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती हैं और साथ ही यह दोनों किस्में प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल तक उपज देती हैं.

लोकेश निरवाल
Improved varieties of potatoes (Photo source: Google)
Improved varieties of potatoes (Photo source: Google)

Potato Varieties: आलू हर एक सीजन में खाई जाने वाली सब्जी है. हमारे देश में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. वहीं, आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश के किसानों के द्वारा सबसे अधिक किया जाता है. आलू की हर एक सीजन में अच्छे पैदावार प्राप्त करने के लिए किसानों को इसकी उन्नत किस्मों को लगाना चाहिए. ताकि कम समय में अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें. ऐसी ही आलू की कुछ उन्नत किस्में आज हम लेकर आए हैं, जिनका नाम कुफरी संगम, कुफरी मोहन किस्म है. आलू की ये दोनों किस्में खेत में 60-90 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती हैं. आलू की कुफरी संगम और मोहन किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर 300-400 क्विंटल तक है. इन दोनों किस्म की आलू की भारतीय बाजार के साथ-साथ विदेशी बाजार में भी काफी अधिक डिमांड है.

बता दें कि आलू की यह किस्म फर्रुखाबाद के कृषि वैज्ञानिक राहुल पाल ने विकसित की है. इन किस्म को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दोनों किस्म कम खर्च में बंपर पैदावार देंगी. ऐसे में आइए आलू की इन दोनों किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

आलू की उन्नत किस्में/ Improved Potato Varieties 

आलू की कुफरी संगम किस्म- आलू की इस किस्म की खासियत यह है कि इस पर मौसम की किसी भी तरह की मार का कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता है. कुफरी संगम खेत में 90 से 100 दिनों के अंदर तैयार हो जाती है. आलू की यह किस्म एक हेक्टेयर में लगभग 300 से 350 क्विंटल तक उत्पादन देती है. इस किस्म की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के किसानों के द्वारा सबसे अधिक की जाती है.

आलू की कुफरी मोहन किस्म-  आलू की यह किस्म 60-70 दिन के अंदर पककर तैयार हो जाती है. कुफरी मोहन किस्म के आलू कंद सुंदर सफेद, अंडाकार, उथली आंखे और गूदा सफेद होता है. इस किस्म की पैदावार प्रति हेक्टेयर करीब 350-400 क्विंटल तक होती है.

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आलू की कुफरी संगम और कुफरी मोहन किस्म की खासियत

आलू की ये दोनों ही किस्म लगभग सभी तरह की मिट्टी में अच्छी उपज देती हैं.

इन दोनों ही किस्म में किसान की लागत बेहद कम लगती है.

आलू की इन दोनों किस्म की भंडारण क्षमता अन्य आलू की किस्म के मुकाबले काफी अच्छी है.

कुफरी मोहन व कुफरी संगम किस्म में शुष्क पदार्थ की मात्रा लगभग 15 से 18 प्रतिशत तक पाई जाती है.

English Summary: improved varieties of potatoes kufri sangam kufri mohan new potato varieties farming of potato in india Published on: 21 October 2023, 01:03 PM IST

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