1. Home
  2. खेती-बाड़ी

औषधीय पौधों को सूत्रकृमियों से कैसे बचाएं

सूत्रकृमि पौधों में कम समय में ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इसकी वजह से हर साल देश के किसानों को 100 करोड़ रूपयें का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

रवींद्र यादव
सूत्रकृमि से बचाव
सूत्रकृमि से बचाव

जड़ ग्रंथि सूत्रकृमि जिसे जड़ गांठ सूत्रकृमि, मूल ग्रंथि और निमेटोड के नाम से भी जाना जाता है. इन कीटों का आकार धागे की तरह का होता है. खुली आंखों से इनको देख पाना बहुत ही कठीन होता है. यह सबसे ज्यादा औषधीय पौधों में लगते हैं. इसके अलावा फल, तिलहन, दलहन, धान, रेशे वाली फसलें और सजावटी पौधों में भी इसका प्रकोप होता है. आइए आज हम आपको औषधीय पौधों में लगने वाले घातक सूत्रकृमियों के प्रकोप का लक्षण एवं नियंत्रण के तरीकों पर विस्तार से बताएंगे.

सूत्रकृमि के लक्षण

  • सूत्रकृमि के कीट का प्रकोप होने पर पौधों के ऊपरी भाग की पत्तियां पीली होकर मुरझाने लगती हैं और इसके साथ-साथ जड़ों में गांठे भी बनने लगती हैं.

  • इसके लगने से पौधों की गांठो पर छोटी-छोटी कई जड़ें निकलने लगती हैं, जिस कारण पौधें की जड़ें मिट्टी से उचित मात्रा में पोषक तत्व ग्रहण नहीं कर पाती हैं.

  • जडग़ांठ रोगी पौधों की जड़ों पर मिट्टी की फफूंद आक्रमण कर जड़ों को गला-सड़ा देती है, जिससे पौधे सूखकर मर जाते हैं.

जड़ ग्रंथि सूत्रकृमि पर नियंत्रण के तरीके

  • गर्मी के मौसम में फसलों की रोपाई से पहले 15 दिनों के अंतराल पर खेत में 2 बार गहरी जुताई करें. इससे तेज धूप के कारण मिट्टी में पहले से मौजूद सूत्रकृमि नष्ट हो जाते हैं.

  • सूत्रकृमि से प्रभावित खेत में प्रति एकड़ भूमि में 4 क्विंटल नीम एवं करंज की खली मिलाएं. इसके अलावा आप प्रति एकड़ भूमि में लगभग 10 किलोग्राम फिप्रोनिल डालने से सूत्रकृमि पर नियंत्रण कर सकते हैं.

  • सूत्रकृमि पर नियंत्रण के लिए खेत तैयार करते समय 15 से 20 दिनों बाद प्रति एकड़ भूमि में 250 ग्राम रूटगार्ड का प्रयोग करें.

  • जैविक विधि से नियंत्रण के लिए खेत में नीम, धतूरा एवं गेंदा की पत्तियों के अर्क का प्रयोग कर सकते हैं, इससे भी सूत्रकृमि की संख्या में कमी आती है.

ये भी पढ़ेंः फसल को सूत्रकृमि (निमेटोड) से बचाने के कारगर उपाय

सूत्रकृमि का जीवन चक्र

सूत्रकृमि का जीवन चक्र 25 से 30 दिन का होता है. एक मादा सूत्रकृमि अपने जीवनकाल में 400 से 500 अंडे देती है. सूत्रकृमि जड़ों में अंदर घुसकर कोशिकाओं को हानि पहुंचाते है जिससे कोशिकाएं अपना आकार बढ़ा लेती हैं और जड़ों में छोटी-बड़ी गांठें बन जाती हैं. सूत्रकृमि पौधों की जड़ में परजीवी के रुप में रहकर अपना जीवन चक्र पूरा करते हैं.

English Summary: How to protect medicinal plants from nematodes Published on: 30 January 2023, 03:06 PM IST

Like this article?

Hey! I am रवींद्र यादव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News