देशभर के किसान बाजरा की खेती (Millet Cultivation) को काफी प्रमुखता देते रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा एक अहम फैसला लिया गया है. दरअसल, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) द्वारा वर्ष 2021-26 की 5 वर्ष की अवधि के लिए ज्वार व इसके प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए एक नई योजना बनाई जा रही है.
यह योजना वर्ष 2021 से 2026 तक के लिए बेहद खास है. इसके तहत कृषि उत्पाद निर्यात निकाय बाजरा और बाजरा उत्पादों (Millet and Millet Products) के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा.
सरकार के जारी किए गए बयान के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा है कि एपीडा द्वारा विकसित किसान कनेक्ट पोर्टल पर जैविक बाजरा उगाने वाले समूहों, एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) के पंजीकरण और बाजरा के निर्यातकों की पहचान के प्रयास की जाएगी. इसके जरिए खरीद और बिक्री गतिविधियों के लिए बातचीत में मदद मिल पाएगी. इसके अलावा भारतीय बाजरा को बढ़ावा देने के लिए नए संभावित अंतरराष्ट्रीय बाजारों (International Markets) की पहचान करेंगे.
आपको बता दें कि ज्वार एक पौष्टिक अनाज है, जिसके अंतर्गत ज्वार, बाजरा, रागी, छोटा ज्वार, कंगनी, प्रोसो मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट और कोदो समेत अन्य ज्वार आते हैं. इनका अपना एक पौष्टिक महत्व होता है.
क्या है सरकार की तैयारी?
एपीडा आईएफएडी द्वारा आंध्र प्रदेश सूखा शमन परियोजना (एपीडीएमपी) के साथ मिलकर बाजरा एक्सपोर्टर्स और एफपीओ को जोड़ने की तैयारी कर रहा है. इसके अलावा सरकार भी बढ़ावा देने के लिए नई छूट देने की तैयारी में लगी है.
बाजरे की जानकारी
यह विश्व की एक मोटे अनाज वाली महत्वपूर्ण फसल है, जो कि वर्षा पर आधारित होती है. कृषि के लिए ज्वार सबसे उपयुक्त फसल है. किसानों को इस किसान से दोगुना मुनाफ़ा होता है. बता दें कि इसे अनाज के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, तो वहीं पशुओं के चारे के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. बता दें कि ज्वार की पानी उपयोग करने की क्षमता अधिक होती है.
बाजरा की खेती संबंधी जानकारी
गर्मी के समय खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. खेत की ट्रेक्टर से चलने वाले कल्टीवेटर या बैलों से जुताई करें. इसके साथ ही जमीन को अच्छी तरह भूरभूरी कर पाटा चलाकर तैयार करें. इसके अलावा भूमि उर्वरकता, खरपतवार व कीट नियंत्रण आवश्यक है.
बाजरा खाने के फायदे
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यह वजन घटाने में मदद करता है.
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इसे खाने के बाद काफी देर तक भूख नहीं लगती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है.
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यह कोलस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है, इसलिए दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम हो रहता है.
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बाजरे से पाचन क्रिया दुरुस्त रहती है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं.
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बाजरा खाने से कब्ज की समस्या भी नहीं होती है.
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यह कैंसर से बचाव में सहायक है.
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इसके नियमित सेवन से डायबिटीज का खतरा कम होता है.
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