घर पर किचन गार्डन में फलों और सब्जियों को लगाने के अनेकों फायदे होते हैं. स्वयं द्वारा लगायी गई ताजी पौष्टिक सब्जियाँ स्वाद के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी और स्वादिष्ट होती हैं. वर्षा ऋतु आते ही वृक्षारोपण, पौधो को लगाने का काम व्यापक स्तर पर किया जाता है. बरसात के मौसम में किचन गार्डन में भी सब्जियों को लगाकर आने वाले मौसम अनुरूप समय–समय पर सब्जियाँ घर पर पाई जा सकती है.
पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए एक निश्चित वातावरण की आवश्यकता होती है, तापमान स्तर, आर्द्रता, प्रकाश, मिट्टी का पीएच स्तर, ये सभी कारक पौधों की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बरसात के मौसम अनुकूल सब्जी में बीजो की रोपाई करने से उनकी बढ़वार अन्य मौसम के अपेक्षाकृत तेजी से होती है. ये महीना खरीफ की सब्जियों की बुवाई का सही समय होता है.
बेलदार, कद्दृवर्गीय सब्जियां जैसे- लौकी, करेला, तुरई, परवल, खीरा आदि की फसलें लगा सकते हैं, इसके साथ ही टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, प्याज, भिण्डी जैसी सब्जियों को भी लगा सकते हैं. यदि किचन गार्डन की शुरूआत करना चाहते हैं, तो बरसात का मौसम इसके लिए सबसे अच्छा एवं अनुकूल है.
बेलदार सब्जियाँ
बरसात के मौसम में बेलदार (लता वाली) सब्जियों को लगाएं. बेलदार सब्जियों की लम्बी लता को लकड़ी या रस्सी का सहारा देकर ऊपर चढ़ाया जाता है. चूँकि वर्षा ऋतु में बेलदार सब्जियाँ वृद्धि के अनुकूल मौसम होने के कारण बड़ी तेजी से वृद्धि करती है. अतः इस मौसम में यह आसानी से लगाई जा सकती है. बेलदार सब्जियों में प्रमुख सब्जियाँ है– सेम, करेला, लौकी, तुरई, कददू, परवल आदि.
लौकी
लौकी उगाने में आसान होती है और इन्हें ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं होती है. अच्छी किस्म का बीज लगाएं. 3-4 बीजों को 1-2 इंच की गेहराई पर लगाएं, एक दूसरे से 4-5 फीट की दूरी पर लगाएं. फलों को जमीन को छूने से रोकने के लिए लौकी की बेल को जाली पर चढ़ने का सहारा दें, ये पौधे एक जाली या अन्य दीवार केसहारेतेजी से बढ़ते हैं. जब लौकी की बेल में आने वाले फल परिपक्व हो जाएं तब इसे तोड़ लें.
सेमफली (Bean)
इसको लगाने का उपयुक समय जून से अगस्त माह होता है. इस मौसम में आमतौर पर पसंद की जाने वाली सब्जियों में से एक है. इसके सेवन से प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस आदि अनेकों पौष्टिक तत्व शरीर को मिलते हैं. इसे लगाने हेतु अच्छे बीजो का चयन करें. बाजार में उपलब्ध हाइब्रिड बीजों से फलियाँ जल्दी आने लगती हैं परन्तु लम्बे समय तक फलियाँ लेने के लिए देसी किस्म के बीजों का चयन किया जा सकता है.
करेला (Bitter gourd)
इस मौसम में करेला लगाने के लिए बरसाती करेले के बीजों का चयन करके लगाएं. मार्च–अप्रैल में लगाये जाने वाले करेला के बीजों को यदि इस मौसम में लगायेंगे, तो फल छोटे आएंगे.
खीरा (Cucumber)
बरसात के मौसम में आसानी से उगाई जाने वाली सब्जी है, जिसे पानी और सूरज को धूप दोनों की आवश्यकता होती है. खीरा जल्दी उगता है क्योंकि उन्हें लगातार पानी और गर्मी मिलती है. यह अपनी बेल की चढ़ाई क्षमता के कारण एक छोटी सी जगह में आसानी से वृद्धि कर सकता है. बारिश में खीरा लगाने के लिए ऐसी जगह चुनें जहां पर्याप्त मात्रा में धूप मिले.
खीरा नम और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह से बढ़ता है. खीरे के बीज लगभग 1 इंच गहरे और 2-3 इंच की दूरी वाली पंक्ति में लगाएं. यदि आपके पास सीमित स्थान है या आप खीरे की बेलें उगाना चाहते हैं, तो इसे जाली से सहारा दें. खीरे को उगाने के लिए आदर्श तापमान 16-32 डिग्री सेल्सियस है.
इसी प्रकार तुरई परवल की बेलदार सब्जियों को भी अच्छे किस्म के बीजों का चयन करके लगा सकते हैं.
बैंगन (Brinjal)
बैंगन आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होता है. यह सदाबहार सब्जी पूरे वर्षभर लगाई जा सकती है. सर्दियों के लिए इसके बीज बरसात की शुरुआत के साथ लगा देने चाहिए. बैंगन के बीज को 1-2 सेंटीमीटर गहरा और 4-5 सेंटीमीटर दूरी पर लगाएं. तीन से चार सप्ताह बाद आप इसके पौधों को क्यारी में रोपित कर दें. पौधों को नियमित रूप से पानी दें और 1-2 सप्ताह के भीतर बीज अंकुरित होने लगेंगे. निराई गुड़ाई करते हुए माह में दो बार खाद अवश्य देते रहें. 40-60 दिन के बाद सितम्बर–अक्टूबर माह तक इसमें फल आने लग जाते हैं.
भिंडी (Lady Finger)
यह विटामिन ए से भरपूर और कैलोरी में कम होती हैं. भिंडी लगाने के लिए धूप वाली जगह को चुनें. अंकुरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए बीजों को रात भर गुनगुने पानी में भिगो दें. भिन्डी के बीज को लगभग ½ से 1 इंच गहरा और 12-18 इंच दूरी पर लगाएं. बीज बोने के 2 महीने बाद पहली फसल तोड़ने के लिए तैयार हो जाएगी, भिंडी की कटाई लगभग 2 से 3 इंच लंबी होने पर करें.
टमाटर (Tomato)
यह भी गर्मी एवं सर्दी दोनों मौसम में लगाये जाते है. टमाटर के पौधो के लिए सूरज की धूप आवश्यक है , लेकिन इनकी अच्छी वृद्धि के लिए जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत होती है. सर्दी के मौसम के टमाटर लेने के लिए जुलाई-अगस्त में बीज लगा कर इसकी पौध तैयार कर लें. टमाटर के बीज को ¼ इंच गहरा और 2-3 इंच दूरी पर लगाएं. इन्हें 20 से 25 दिन बाद लगभग सितम्बर माह में जमीन पर रोपित कर दें.
गमले को ऐसी जगह पर रखें, जहाँ रोजाना लगभग 5-6 घंटे धूप मिले. टमाटर के बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक आदर्श तापमान 21 से 27 ℃ के बीच होता है. बुवाई के 10-14 दिनों में अंकुर दिखने लगेंगे. लगभग 30-40 दिन में टमाटर के पौधो पर फल आने लग जायेंगे. टमाटर के देसी किस्म के बीज आसानी से लग जाते हैं और स्वाद में भी अच्छे होते हैं. हाइब्रिड किस्म के बीज महंगे होते हैं. इस पर फल जल्दी एवं ज्यादा आते हैं परन्तु स्वाद में अच्छे नही होते हैं.
हरी मिर्च (Green Chilli)
इसे लगाने के लिए पहले आपको इसके पौधे तैयार करने की आवश्यकता होती है. आप हरी मिर्च के अच्छी किस्म के बीज लें और उन्हें लगभग 1-2 सेंटीमीटर गहरा और 4-5 सेंटीमीटर दूरी पर लगाएं. तीन से चार सप्ताह बाद आप इसके पौधों को किसी क्यारी / गमले में लगा दें. हरी मिर्च को घर पर उगाने के लिए ऐसा स्थान चुनें जहाँ पर कुछ समय (5-6 घंटे) के लिए धूप आती हो. नियमित रूप से पानी दें और उसकी देखभाल करें. 50-60 दिनों के बाद मिर्च तोड़ने के लिए तैयार हो जाएगी.
बरसात की सब्जियों को लगाने एवं देखरेख संबंधी ध्यान रखने वाली बातें (Things to keep in mind regarding planting and care of rainy vegetables)
-
बारिश में वायरस से होने वाले रोगों का प्रकोप ज्यादा रहता है, इसलिए कीट व रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करना चाहिए.
-
सब्जी के अच्छी किस्म के बीजों का चयन करे जो जल्दी फल दे.
-
सब्जियाँ उगाने के लिए मिट्टी भुरभुरी तैयार करें, ताकि ज्यादा बारिश होने पर पौधो से अतिरिक्त पानी आसानी से बाहर निकल जाये एवं मिट्टी की क्यारियाँ बनाकर रोपाई करें.
-
बरसात का पानी क्यारियों में ठहरना नहीं चाहिए इसके लिए निकास का उचित मार्ग बनाएं.
-
सब्जियों की बढ़वार के लिए लकड़ी, रस्सी या जाली के सहारे का उचित प्रबंध करें.
-
समय–समय पर निराई-गुड़ाई एवं माह में दो बार गोबर खाद या कम्पोस्ट खाद अवश्य दें.
लेखक: डॉ. चारू शर्मा1 , डॉ. कृष्ण गोपाल व्यास2 एवं डॉ. राम निवास3
1विषय वस्तु विशेषज्ञ गृह विज्ञान, 2विषय वस्तु विशेषज्ञ शस्य विज्ञान एवं
3विषय वस्तु विशेषज्ञ पशुपालन , कृषि विज्ञान केंद्र पोकरण, जैसलमेर, राजस्थान
Share your comments