1. Home
  2. खेती-बाड़ी

बैंगन में लगने वाले प्रमुख रोगों की ऐसे करें रोकथाम, जानिए आसान तरीका

मई का महीना बैंगन की खेती का है. वर्तमान में किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक इसकी बहुत सी किस्में ईजाद कर रहे हैं. ये सभी किस्में उच्च पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर भी है.

सिप्पू कुमार

मई का महीना बैंगन की खेती का है. वर्तमान में किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक इसकी बहुत सी किस्में ईजाद कर रहे हैं. ये सभी किस्में उच्च पोषक तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर भी है. निसंदेह बैंगन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा है, लेकिन इसमें लगने वाले कई तरह के रोग पूरी फसल को बर्बाद कर सकते हैं. ऐसे में किसानों को बैंगन में लगने वाले रोगों और उसके रोकथाम के बारे में मालुम होना चाहिए. चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

फलगलन

बैंगन में होने वाला यह सबसे आम और गंभीर रोग है. इस रोग के प्रभाव में आकर फलों का रंग भूरा हो जाता है. इस रोग का आरंभ पत्तों से होता है.

रोकथाम

इस रोग के रोकथाम के लिए जरूरी है कि स्वस्थ बीजों का ही इस्तेमाल किया जाए. बुवाई से पहले बीजों का उपचार 2.5 ग्राम कैप्टान प्रति किलो की दर से किया जाना चाहिए. फलों के लगने के बाद जिनेब 400 ग्राम दवा का 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए. छिड़काव में 10 से 12 दिन का अंतराल रखें.

जड़गाठ रोग

इस रोग के प्रभाव से बैंगन की जड़ों को नुकसान होता है और पौधा धीरे-धीरे पीला पड़ने लग जाता है. पौधों की जड़ों में गांठ बनने लग जाती है और बैंगन की बढवार रूक जाती है.

रोकथाम

मई और जून में खेत की दो से तीन गहरी जुताईयां करनी चाहिए. जैविक कीटनाशकों का उपयोग भी लाभकारी है.

छोटी पत्ती व मौजेक रोग

इस रोग का पता आम तौर पर देरी से लगता है. इसके प्रभाव में आकर पौधा पूरी तरह से बौना रह जाता है. पत्तों का आकार छोटा ही रहता है और अधिक पीले दिखाई देने लगते हैं. इस रोग के प्रभाव में आते ही फल उगना कम कर देते हैं.

रोकथाम

इस रोग की रोकथाम के लिए जरूरी है कि प्रांरभिक अवस्था में ही रोगी पौधे को निकाल दिया जाए. पौधा रोपण से पहले उसकी जड़ों को आधे घंटे तक ट्रेट्रासिकिलन के घोल में 500 मिग्रा प्रति लीटर डुबाकर रखा जा सकता है. अगर आपको बैंगन की उन्नत किस्मों के बारे में जानना है, तो आप कृषि जागरण के इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं.

(आपको हमारी खबर कैसी लगी ? इस बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर दें. इसी तरह अगर आप पशुपालन, किसानी, सरकारी योजनाओं आदि के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो वो भी बताएं. आपके हर संभव सवाल का जवाब कृषि जागरण देने की कोशिश करेगा)

English Summary: Brinjal and Diseases Symptoms and method of Control know more about brinjal farming Published on: 06 May 2020, 12:12 PM IST

Like this article?

Hey! I am सिप्पू कुमार. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News