
हम आपको इस चर्चा में वह सभी बातें बताएगें जिनके माध्यम से आप यह समझ सकते हैं कि देश को इस दिशा में बढ़ने के लिए किन चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं हम आपको यह जानकारी भी देंगे कि अगर भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनना है तो किन क्षेत्रों में प्रमुख रूप से प्रदर्शन की जरूरत पड़ेगी. तो आइये जानते हैं कि किन आधारों को लेकर भारतीय अर्थशात्रियों के अनुसार भारत वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन की एक बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने को स्थापित कर लेगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था के इस क्षेत्र के मज़बूत कदम
भारत की अर्थव्यवस्था का हम जब विश्लेषण करते हैं तो यह कछुए की चाल से भी धीमी दिखाई देती है. कई बड़े अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत आज़ादी के 55 साल बाद केवल 1 ट्रिलियन की अर्थव्यवथा बन कर तैयार हो पाया. उनके अनुसार 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने के लिए अभी भी भारत को काफी समय लगने वाला है. लेकिन अगर हम वहीं भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री की बात करें तो उनके अनुसार भारत वर्ष 2024 तक दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी कुल 5 ट्रिलियन की बन जाएगी, जिसके लिए कुछ खास बिन्दुओं को ध्यान में रखना होगा, जो निम्न हैं-
जल, थल और वायु मार्गों की अवसंरचना का विकास
भारत आज दुनिया में व्यापारिक रूप से एक अग्रणी देशों में आता है. लेकिन व्यापार के लिए सबसे प्रमुख बिंदु जो है वह है व्यापारिक सामग्री को एक स्थान से दूसरे स्थान तक सही और समय पर पहुंचाना. दुनिया भर के विकसित देशों का यदि हम अवलोकन करेगें तो पाएंगे कि उनकी मार्गीकरण की जो संरचना है वह बहुत ही ज्यादा विकसित है. जिसका परिणाम उन्हें उनकी बढ़ती अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना होता है. तो यहां आपको यह जानना बहुत ही आवश्यक है कि भारत की वर्तमान सरकार अपनी इस प्राथमिकता को देखते हुए भारत में सभी तरह के मार्गों को विकसित कर रही है. इसके बाद अगर हम भारत को आर्थिक रूप से विकसित करना कहते हैं तो शैक्षिक रूप से भी भारत को सुदृढ़ करना आवश्यक है.

स्टडी इन इंडिया पहल
आज भारत शैक्षिक और शारीरिक रूप से भी विकास कर रहा है. जिस पर पूरी दुनिया की निगाहें भारत पर टिकी हुई हैं. आज भारत के वैज्ञानिक विश्व के सभी देशों में एक से बढ़ के एक शोधों पर कार्यरत हैं. भारत सरकार अपनी आगामी सोच को यथार्थ में बदलने के लिए पूरे भारत में कई तारक के खेल विश्व विद्यालय, कई अन्य शैक्षिक संस्थानों को खोलने में लगी हुई है. साथ ही प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा के स्तर को वैश्विक रूप में विकसित कर रही है.
संप्रभु ऋण बाज़ार (Sovereign Debt Market) की घोषणा
भारत की वर्तमान सरकार ने संप्रभु ऋण बाज़ार (Sovereign Debt Market) की घोषणा की है. सरकार इस योजना के माध्यम से उच्च लागत वाले घरेलू ऋण को सस्ते अंतर्राष्ट्रीय साख से बदलने में सरकार की मदद करेगा और इस प्रकार ब्याज दर में कमी लाने में सहायता मिलेगी.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ के निवेश का वादा
भारत वर्ष 2024 तक 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनने के लिए बैंकों की भी एक अहम भूमिका रहेगी. जिसके लिए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रूपये के निवेश की घोषणा की है. इस निवेश के बाद लोगों को कम ब्याज दर पर व्यापारिक या अन्य क्षेत्रों के लिए लोन की सुविधा भी मिल सकेगी.
न्यूनतम मज़दूरी में वृद्धि करने की घोषणा
सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) के लिये भी विशेष आवंटन किया गया है. विनिर्माण को मजबूत करने के लिये सरकार ने 55 श्रम कानूनों को चार संहिताओं के रूप में एकबद्ध करने और न्यूनतम मज़दूरी में वृद्धि करने की घोषणा की है. जिसके बाद प्रतिव्यक्ति की आय तो बढ़ेगी ही साथ ही लोगों को अन्य कई तरह के लाभ भी मिल सकेंगे.

रेलवे के आधुनिकीकरण
5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए रेल मार्ग की भी एक प्रमुख भूमिका है. रेलवे के आधुनिकीकरण के लिये लगभग 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की आवश्यकता है. सरकार ने इसके संसाधनों में वृद्धि के लिये सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) का प्रस्ताव किया है. राष्ट्रीय बिजली ग्रिड और वेयरहाउसिंग ग्रिड के निर्माण जैसी पहल के दूरगामी लाभ प्राप्त होंगे.
केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के बजट में वृद्धि
बजट ने केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के लिये प्रदत्त धनराशि में 8 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 3,31,610 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं. सरकार का कुल व्यय संशोधित अनुमानों से 13.4 प्रतिशत अधिक है. राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.3 प्रतिशत तक नियंत्रित रखा गया है. यह बजट राजकोषीय गणित को कोई झटका दिये बिना निवेश और विकास की आकांक्षा को पूरा करता है.
यह भी पढ़ें- Annapurna Food Packet योजना के तहत 10 रुपये प्रति पैकेट मार्जिन राशि पर मिलेगा, सरकार ने दी मंजूरी
वर्तमान सरकार अभी इन्हीं मुद्दों के साथ में भारत को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ा रही है. लेकिन इन मुद्दों के अतिरिक्त भी बहुत से ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर सरकार पूरी तरह से सजग है और उन पर जोरों से काम भी कर रही है. यही कारण है आज दुनिया भर की निगाहें हमारे देश पर टिकी हुई हैं.
Share your comments