1. Home
  2. सफल किसान

इस किसान ने पारंपरिक खेती छोड़ शुरू की कद्दू की खेती, सलाना कमा रहा है 50 हजार

बिहार के एक परिवार ने पारंपरिक खेती छोड़ कद्दू की खेती शुरू की और आज उनका परिवार हर सीजन आराम से 50 हजार रुपये तक की कमाई कर लेता है.

रवींद्र यादव

बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले राम अयोध्या प्रसाद और उनके भाईयों ने मिलकर पारंपरिक खेती को छोड़ बागवानी शुरू की और आज वह लोग काफी अच्छी कमाई कर रहे हैं. अयोध्या प्रसाद के पास सिर्फ बीघा की जमीन है और उन्होंने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर इस खेत में कद्दू की खेती शुरू की जिससे उनकी आज किस्मत बदल गई है. अयोध्या बताते हैं कि उनके गांव में कोई भी इससे पहले कद्दू की खेती नहीं करता थाइसके लिए उन्होंने जिले के कृषि विभाग से संपर्क किया और वहां से इसके बारे में पूरी जानकारी ली.

कद्दू की खेती में कमाई

अयोध्या प्रसाद बताते हैं कि बदलते समय में खुद को भी बदलना चाहिए. आज के इस वैज्ञानिक युग में हमने पारंपरिक खेती को छोड़ नई तकनीक के माध्यम से खेती करने का फैसला लिया और आज हमारी काफी अच्छी कमाई हो रही है. कद्दू की खेती के लिए ट्रैक्टर, मजदूरी और बीजों की खरीद आदि मिलाकर कुल लगभग 12 हजार का खर्च आता है आयोध्या बताते हैं कि एक बार फसल तैयार होने के बाद खेत से लगभग 50 किलो कद्दू निकल जाता है. इसे वह बाजार में बेचकर लगभग 30 से 40 हजार की कमाई आराम से कर लेते हैं.

खेती का तरीका

राम अयोध्या प्रसाद कद्दू की खेती के लिए सबसे पहले कद्दू के बीज को 48 से 72 घंटे के लिए पानी में भिगो देते हैं. इसके बाद खेत की तैयारी के लिए मिट्टी में बीजों को बोया जाता है. इस दौरान खेतों में एक से दो बार मौसम के अनुसार पानी दे दिया जाता है. वह कद्दू की खेती मुख्यत: दिसंबर के महीने में शुरू करते हैं और इस फसल को तैयार होने में फरवरी तक का महीना लग जाता है. 

ये भी पढ़ें: कद्दू (pumpkin) की खेती से बड़ा मुनाफा

इन तीन महीनों के दौरान फसल की काफी अच्छे से देखभाल करनी होती है. खेत मे रेखा तैयार करनामचान बनानाखाद और कीटनाशक का छिड़काव करना जैसी चीजे होती हैं.

English Summary: This farmer left traditional farming and started pumpkin farming, earning 50 thousand annually Published on: 27 April 2023, 01:01 PM IST

Like this article?

Hey! I am रवींद्र यादव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News