सभी की मूलभूत जरूरतों में तेल का एक अहम स्थान है. रसोई का आधार भी खाद्य तेल है. तेल का उपयोग खाना बनाने से लेकर कई प्रकार की दवाओं और स्वास्थ्य में होता है. भारत में खाद्य तेलों की मांग बहुत ज्यादा है. खेती के साथ व्यवसाय करना चाहते हैं तो ये अच्छा विचार है. कम लागत में अच्छा व्यवसाय करने के लिए ऑयल मिल यानी तेल की मिल का व्यापार आसानी से कर सकते हैं.
तेल के व्यापार में मुनाफा
अगर ग्रामीण इलाकों में खोलते हैं, तो कम लागत लगानी पड़ेगी. क्योंकि वहां कच्चा माल और मजदूर कम दाम में मिल जाएंगे. इस बिज़नेस में 25-30 प्रतिशत तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. जितनी अच्छी मशीन और रॉ मटीरियल यूज़ करेंगे मुनाफा उस अनुपात में बढ़ता जाएगा.
ऑयल मिल लगाने में लागत
शुरुआत में एक छोटे स्तर की मिल लगाने के लिए लगभग 2 से 3 लाख रुपयों की जरूरत होगी. एक कमरे (20X30 फीट) से प्लांट लगाकर शुरुआत की जा सकती है. बड़े स्तर पर तेल की पैकेजिंग कर बाहर भी सप्लाई करना चाहते हैं, तो आपको 10 लाख से अधिक का निवेश करना पड़ सकता है. बेहतर यही है कि आप पहले छोटे स्तर से ही तेल का मिल लगाएं.
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
छोटे स्तर पर आप लाइसेंस भी शुरूआत कर सकते हैं. फिर भी चाहें तो स्थानीय प्रशासन से लाइसेंस ले सकते हैं. साथ ही MSME की वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं. यह व्यापार खाने से जुड़ी चीज़ का है. ऐसे में FSSAI का लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन भी जरूरी है.
ऑयल मिल - तेल की मिल के जरिए तिलहनों के बीजों को पीसकर उनका तेल निकाला जाता है और फिर उस तेल को बोतलों में पैक करके बेचा जाता है. ये मशीनें दो प्रकार की होती हैं.
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1 डीजल से चलने वाली मशीन
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2 बिजली से चलने वाली मशीन
ऐसे करें शुरूआत
ऑयल मिल शुरू करने से पहले मुख्य संसाधनों की जरूरत होगी. जैसे - पूंजी, लाइसेंस, कच्चा माल,मशीनरी, श्रम, प्लास्टिक की बोतलें, टिन की कनस्तर. इन सभी जरूरी संसाधनों को लेने के बाद एक सफल तेल मिल शुरू कर पाएंगे.
मशीनरी की जरूरत
इसके लिए आपको मुख्य रूप से दो तरह की मशीनों की जरूरत होती है.
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1 एडिबल ऑयल - इस मशीन से बीजों को प्रेस कर तेल निकाला जाता है. इसी में तेल और खली अलग हो जाती है. इससे निकलने वाली खली को भी बेच सकते हैं. इसका प्रयोग लोग पशुओं के चारे के रूप में और खेतों में खाद के तौर पर करते हैं.
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ऑयल फिल्टर मशीन - इस मशीन की मदद से तेल को फिल्टर कर पैकेजिंग के लिए तैयार करते हैं. इसके अलावा भी कुछ मशीनरी की जरूरत होती है. जैसे- वजन तौलने की मशीन, सील बन्द करने की मशीन आदि.
तेल निकालने की प्रक्रिया- सबसे पहले बीजों का चुनाव करना होगा फिर गंदगी को साफ करना होगा उसके बाद बीज की कंडीशनिंग करनी होगी. और फिर बीज को गर्म करने के बाद तेल निकालना होगा. इसके बाद
छानने का काम करने है. आखिरी में लेबलिंग का काम करना होगा.
ऐसे करें ब्रांडिग
छोटे स्तर पर काम को बढ़ाने के लिए आस-पास के गांव और कस्बों में प्रचार के माध्यम से तेल की ब्रांडिग कर सकते हैं वो भी सस्ते दाम में. इसके लिए पर्चे और पोस्टर छपवा सकते हैं और स्थानीय समाचार पत्र में भी विज्ञपान दे सकते हैं. जिससे आपके उत्पाद को आसपास के इलाकों में पहचाना मिलेगी.
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