आज विश्व नारियल दिवस है. नारियल का महत्व केवल पूजा पाठ ही नहीं बल्कि पौष्टिकता के साथ ही स्वास्थय लाभ के लिए होता है. यह एक ऐसा फल है जो कि न केवल सारे वर्ष उपलब्ध रहता है बल्कि जरूरत पड़ने पर आपकी भूख-प्यास को भी मिटा देता है. यह श्रीफल के रूप में प्रयोग किया जाता है. हर साल विश्व नारियल दिवस की स्थापना दो सितंबर वर्ष 2009 में हुई थी. इस दिवस का उद्देश्य इस फल के प्रति जागरूकता को फैलाना है. साथ ही साथ नारियल के उद्योग को कच्चे माल के रूप में उपयोग किए जाने को प्रोत्साहन देना है. देश के दक्षिणी राज्यों जैसे कि केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश मे देश के 90 फीसद नारियल की सघन खेती की जाती है. कुछ दशकों से कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान के जयपुर में इसकी काफी बड़ी मंडिया है. कई बड़े-बड़े शहरों के अंदर हजारों लाखों में नारियल की खपत होती है.
नारियल से आमदनी
नारियल के रेशे से बनी हुई वस्तुओं गद्दे, थैले, आदि दैनिक उपयोग की वस्तुओं को तैयार किया जाता है. इनके निर्यात से भारत को हर साल लगभग 470 करोड़ रूपये की आमदनी प्राप्त हो जाती है. इससे सरकार को काफी अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है.
नारियल के प्रमुख उत्पादक देश
विश्व में नारियल को उत्पादन करने वाले देशों की सूची में भारत के अलावा इंडोनेशिया, ब्राजील, श्रीलंका और फिलींपींस जैसे देश है. इसके अलावा फिजी, पपुआ न्यू गिनी, केन्या, थाईलैंड, मार्शल आइलैंड में यह भारी मात्रा में पैदा होता है. यहां से देश विदेश में आयात निर्यात होते है.
कई बीमारियों में फायदेमंद है
नारियल की बात करें तो नारियल कई बीमारियों के इलाज में काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. नारियल के पानी को पीने से डायरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, जैसी बीमारियों में राहत मिलती है. साथ ही मच्छर से काटने वाली बीमारियों में प्लेटलेटस भी काफी तेजी से गिरते है. यह पानी पीना काफी लाभदायक होता है. इसके अलावा हाईब्लड प्रेशर के दौरान नारियल पानी पीने के काफी ज्यादा फायदे होते है. साथ ही दिल की बीमारियों के लिए भी नारिल पानी काफी फायदेमंद है. नारियल का तेल आपकी सेहत और बालों के लिए फायदेमंद है, इसके तेल में नींबू का रस और गिल्सरीन को मिलाकर लगाने से स्किन की परेशानी दूर हो जाती है.
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