नवोदित कपास का बीज, जो चंद्रमा पर विकसित होने वाले पहले पौधे के रूप में तैयार किया गया था, उसकी मृत्यु हो गई है. चीन द्वारा कपास का पौधा चाँद पर उगाए जाने वाली कोशिश असफल रही. क्योंकि चाँद पर वह पौधा ठीक से साँस नहीं ले पाया और नष्ट हो गया.
चीन ने इसे लूनर रोवर से इसे लगाया था. जिससे यह दिन की रौशनी में तो जिन्दा रहा मगर रात में 170 डिग्री के गिरते तापमान की ठण्ड को यह पौधा सहन नहीं कर पाया और मर गया.
चाँद एक ऐसा गृह है जहां पर एक रात दो हफ़्तों के बराबर होती है. रात को यहां तापमान कम हो जाता है और दिन में 120 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाता है. इसका तापमान हमारी पृथ्वी से बिल्कुल उल्टी दिशा में चलता है.
3 जनवरी को रोवर चांगे-4 के साथ कपास, सरसों, आलू आदि के बीजों के साथ मक्खी के अंडे चाँद पर भेजे गए थे. जिसमें से केवल कपास के ही बीज का विकास हुआ. इसके अलावा और कोई पौधा नहीं पनप पाया. इससे पहले भी अंतरिक्ष पर ऐसे कईं प्रयास किए गये पर कोई प्रयास सफल नहीं हुआ. यह पहला कपास का पौधा है जो चाँद पर कुछ समय के लिए ही सही पर जीवित तो रहा. जिससे वैज्ञानिकों को थोड़ी आशा बंधी.
चाँद पर गए इस पौधे का सफर तो ज्यादा लंबा नहीं चल सका पर उसकी याद हमेशा के लिए हम सबके दिलों में रहेगी!!!!
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