जब एक छात्र अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर लेता है, तो उसके सामने कई सवाल और विकल्प होते हैं कि वो कैसे अपने करियर को बेहतर बनाए. वैसे आजकल सब स्कोप (scope) वाली विषय में अपना करियर बनाना चाहते हैं, जैसे मेडिकल, इंजीनियरिंग, बिज़नेस आदि, लेकिन समय तेजी से बदल रहा है. पहले युवा खेती-किसानी की तरफ ध्यान नहीं देता था, लेकिन अब इसमें करियर बनाने की असीमित सम्भावनाएं हैं. जो युवा पढ़ाई-लिखाई करके डॉक्टरी, इंजीनियरिंग या बिज़नेस की पढ़ाई करने की सोचते हैं, उनके लिए एग्रीकल्चर एक बेहतर भविष्य दे सकता है.
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, तो वहीं भारत सरकार साल 2022 तक सकल उत्पाद को दोगुना बढ़ाना चाहती है. इसके लिए कृषि क्षेत्र में तरह-तरह के तकनीकी बदलाव भी हो रहे हैं, इसलिए आज युवाओं को कृषि क्षेत्र में रुचि दिखानी चाहिए. इसके लिए कई एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हैं जहां एडमीशन लेकर युवा एग्रीकल्चर में करियर बना सकते है. आज हम अपने इस लेख में एग्रीकल्चर में करियर बनाने की पूरी जानकारी देने वाले हैं, इसलिए इस लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें.
अच्छा विकल्प है एग्रीकल्चर (Agriculture is a good option)
आज का युवा कुछ अलग करने की सोचता है. इसके लिए एग्रीकल्चर सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें आपका भविष्य सुरक्षित रहता है, साथ ही हमेशा कुछ नया और अलग करने का मौका भी मिलता है. आप 12वीं की परीक्षा पास करके एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर सकते हैं.
क्या है एग्रीकल्चर (What is agriculture)
एग्रीकल्चर में करियर बनाने से पहले जानना ज़रूरी है कि आख़िर एग्रीकल्चर क्या है. बता दें कि ये विज्ञान, कला और व्यवसाय का एक मिश्रण है. एग्रीकल्चर एक लैटिन शब्द है, जो "Ager" और "Culture" से मिलकर बनता है. "Ager" का मतलब "मिट्टी" और "culture" का मतलब "संस्कृति" है. इसमें फसल उत्पादन, पशुपालन और डेयरी विज्ञान, कृषि रसायन और मृदा विज्ञान आदि शामिल हैं.
इन विषयों में करें एग्रीकल्चर की पढ़ाई (Study agriculture in these subjects)
एग्रीकल्चर में B.Sc या B.Sc ऑनर्स कर सकते हैं. आप वेटनरी साइंस, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, फॉरेस्टरी, डेयरी टेक्नोलॉजी, फ़िशरी, सेरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर, फूड साइंस, होम साइंस, मार्केटिंग, बैंकिंग और कॉपरेशन में से एक विषय का चयन सकते हैं. इसके अलावा एग्रीकल्चर के लिए PG कोर्स और PhD भी कर सकते हैं.
स्कूली शिक्षा के बाद करें एग्रीकल्चर की पढ़ाई (Study agriculture after school education)
कई ऐसे एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट कोर्स हैं, जिन्हें आप 10वीं या 12वीं के बाद कर सकते हैं. इन कोर्स को 1 से 2 साल में किया जा सकता है.
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सर्टिफ़िकेट इन एग्रीकल्चर साइंस
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सर्टिफ़िकेट इन फ़ूड एंड बेवरेज सर्विस
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सर्टिफ़िकेट इन बायो-फ़र्टिलाइज़र प्रोडक्शन
लेकिन संस्थान और कोर्स के आधार पर यह 1 से 3 साल में भी किए जा सकते हैं.
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डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर
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डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिस
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डिप्लोमा इन फ़ूड प्रोसेसिंग
ये संस्थान देते हैं एडमीशन (These organizations provide admissions)
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इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
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इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट
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इजाज़तनगर, उत्तर प्रदेश
ध्यान दें कि ये तीन संस्थाएं केवल PG और PhD कोर्स में एडमीशन देती हैं.
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नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट
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इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट
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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय
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जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
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इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट
मैनेजमेंट कोर्स का विकल्प (Management courses option)
एग्रीकल्चर से कई क्षेत्रों में आप मैनेजमेंट कोर्स भी कर सकते हैं. आप एग्रीबिजनेस, प्लांटेशन मैनेजमेंट आदि कोर्स में एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं.
ऐसे लें एडमीशन (Admission Process)
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एग्रीकल्चरल साइंस या इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं होती हैं.
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कुछ राज्य इंजीनियरिंग, मेडिकल और एग्रीकल्चर कोर्सेज में एडमीशन के लिए कॉमन एंट्रेस टेस्ट आयोजित करते हैं.
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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, अखिल भारतीय स्तर पर प्रवेश परीक्षाएं होती हैं.
ध्यान दें कि आपको एग्रीकल्चर से सम्बंधित कोर्स करने के बाद सरकारी और निजी संगठनों में नौकरी मिल जाती है. इसके अलावा आप कृषि व्यवसाय, कृषि उत्पादों की दुकान, कृषि उद्योग आदि का व्यवसाय भी कर सकते हैं.
अन्य बातें
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अगर कोई एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट बनना चाहता है, तो 12वीं फ़िजिक्स, केमिस्ट्री, गणित के अलावा बायोलॉजी विषय ले सकता है.
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एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग क्षेत्र में जाने के लिए बैचलर इन इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी या फिर एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा होना अनिवार्य है.
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प्रोफ़ेशल कोर्स में एडमीशन लेने के लिए संबंधित विषयों में स्पेशलाइज़ेशन और एग्रीकल्चरल साइंस, इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री अनिवार्य है.
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