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Cow-Buffalo Milk और Soya Milk में क्या होता है अंतर? 7 पॉइंट्स में जानें पूरी बात!

Difference between cow-buffalo milk and Soya Milk: गाय-भैंस के दूध और सोया मिल्क दोनों की अपनी-अपनी अलग विशेषताएं हैं. अगर आप प्रोटीन और कैल्शियम के लिए कुछ चाह रहे हैं और लैक्टोज इन्टॉलरेंस नहीं है, तो गाय-भैंस का दूध एक अच्छा विकल्प है. वहीं, यदि आप लैक्टोज इन्टॉलरेंस से पीड़ित हैं या शाकाहारी आहार का पालन कर रहे हैं, तो सोया मिल्क बेहतर रहेगा.

मोहित नागर
Cow And Soya Milk comparison
Cow-Buffalo Milk और Soya Milk में क्या होता है अंतर? (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Cow-Buffalo Milk VS Soya Milk: भारतीय बाजारों में काफी तेजी से सोया यानी सोयाबीन से बनने वाला दूध काफी लोकप्रिय हो रहा है. इसे देखकर पहचाना लगभग नामूमकिन होता है, क्योकि देखने में यह बिलकुल गाय-भैंस के दूध जैसा ही दिखता है. देशभर में बड़ी संख्या में लोग सोया मिल्क का सेवन भी कर रहे हैं. वहीं, लोगों के मन में सवाल है कि गाय-भैंस और सोया मिल्क में से किसे चुनना सही होगा. सेहत और पोषण के नजरिए से देखें तो, यह बात सभी के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकती है. गाय-भैंस का दूध और सोया मिल्क दोनों की अपनी-अपनी अलग विशेषताएं हैं.

आइये कृषि जागरण के इस आर्टिकल में जानें, गाय-भैंस के दूध और सोया मिल्क में क्या है अंतर?

1. गाय-भैंस के दूध का पोषण मूल्य

गाय-भैंस का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी12, फॉस्फोरस और अन्य कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. इसका प्रोटीन बहुत ही उच्च गुणवत्ता वाला होता है, जिससे यह बच्चों, बुजुर्गों और शारीरिक गतिविधियों में सक्रिय लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प बनता है. गाय का दूध थोड़ा पतला होता है, जबकि भैंस का दूध अधिक गाढ़ा होता है, और इसमें फैट की मात्रा भी अधिक होती है. इसलिए, भैंस का दूध उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है, जिन्हें वजन बढ़ाने की जरूरत होती है. इसके विपरीत, गाय का दूध पचने में हल्का होता है, जिससे यह बच्चों और बुजुर्गों के लिए उपयुक्त माना जाता है.

ये भी पढ़ें: गाय-भैंस का दूध निकालते वक्त रखें इन खास बातों का ध्यान, जानें सही विधि और समय

2. सोया मिल्क का पोषण मूल्य

सोया मिल्क सोयाबीन से बनाया जाता है और इसका स्वाद और गाढ़ापन गाय-भैंस के दूध से थोड़ा अलग होता है. सोया मिल्क में प्रोटीन की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है, लेकिन यह पौधे आधारित होता है इसलिए इसे आसानी से पचाया जा सकता है. इस दूध में कैलोरी और फैट कम मात्रा कम होता है, जिससे वजन नियंत्रित करने वाले लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प होता है. सोया मिल्क में कैल्शियम की प्राकृतिक मात्रा कम होती है, लेकिन इसे फोर्टिफाई कर के कैल्शियम, विटामिन बी12 और विटामिन डी से समृद्ध बनाया जा सकता है. यह उन लोगों के लिए खासकर फायदेमंद होता है, जिन्हें गाय-भैंस के दूध से एलर्जी होती है या वे शाकाहारी या शुद्ध शाकाहारी (विगन) आहार का पालन करते हैं.

3. लैक्टोज इन्टॉलरेंस और एलर्जी

गाय-भैंस के दूध में लैक्टोज नामक शुगर होती है, जिसे कुछ लोग पचा नहीं पाते. इसे ही "लैक्टोज इन्टॉलरेंस" कहा जाता है. ऐसे लोग गाय-भैंस के दूध का सेवन करने पर पेट में दर्द, गैस और उल्टी जैसी समस्याओं का सामना कर सकते हैं. दूसरी ओर, सोया मिल्क में लैक्टोज नहीं होता, जिससे लैक्टोज इन्टॉलरेंस से पीड़ित लोग इसे आसानी से पचा सकते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को सोया से भी एलर्जी होती है और उन्हें सोया मिल्क से बचना चाहिए. ऐसे में, बादाम मिल्क या ओट मिल्क जैसे अन्य विकल्प भी उपलब्ध हैं.

4. हृदय स्वास्थ्य पर प्रभाव

गाय-भैंस के दूध में सैचुरेटेड फैट की मात्रा होती है, जो अधिक मात्रा में सेवन करने पर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा सकता है. इसलिए, जो लोग हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहते हैं, उनके लिए गाय-भैंस के दूध की तुलना में सोया मिल्क एक बेहतर विकल्प हो सकता है. सोया मिल्क में पॉलिइन्सैचुरेटेड और मोनोइन्सैचुरेटेड फैट्स होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माने जाते हैं.

5. हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद

गाय-भैंस के दूध में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों और मांसपेशियों के विकास के लिए आवश्यक होते हैं. यह बच्चों और बूढ़े लोगों के लिए खासकर फायदेमंद है. वहीं, सोया मिल्क में भी प्रोटीन होता है, लेकिन यह पौधे आधारित होता है, जो मांसपेशियों के निर्माण में सहायक होता है. जो लोग वजन बढ़ाना चाहते हैं या ताकतवर मांसपेशियां चाहते हैं, वे गाय-भैंस के दूध को प्राथमिकता दे सकते हैं.

6. पर्यावरणीय प्रभाव

सोया मिल्क का उत्पादन पर्यावरण के लिए अपेक्षाकृत कम हानिकारक होता है, क्योंकि इसमें पानी और संसाधनों की खपत कम होती है. इसके विपरीत, डेयरी उत्पादन में अधिक पानी और भोजन की आवश्यकता होती है, जिससे यह पर्यावरण पर अधिक दबाव डालता है. जो लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं, उनके लिए सोया मिल्क एक अधिक टिकाऊ विकल्प हो सकता है. साथ ही, यह पशुओं के प्रति करुणा रखने वालों के लिए भी एक आदर्श विकल्प माना जाता है.

7. स्वाद और उपयोग

गाय-भैंस का दूध अपनी मिठास और मलाईदार स्वाद के कारण विभिन्न प्रकार की चाय, कॉफी, मिठाइयों और अन्य पकवानों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है. इसके विपरीत, सोया मिल्क का स्वाद थोड़ा नट्स जैसा होता है, और इसे भी चाय-कॉफी, शेक्स, स्मूदीज आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है.

English Summary: Important 7 differences between cow buffalo milk and soy milk you need to know Published on: 02 November 2024, 05:20 PM IST

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