पहले किसी अपने से मुखातिब होने के लिए कोसों मील दूर जाना पड़ता था, लेकिन आज हम पल भर में ही कोसों मील का सफर तय कर सकते हैं. पहले किसी अपने से गुफ्तगू करने के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता था. आज जब चाहे तब अपना मोबाइल फोन उठाकर उनसे गुफ्तगू कर सकते हैं.
पहले किसी काम को करने के लिए जटिल प्रक्रियाओं से होकर गुजरना पड़ता था, लेकिन आज तकनीक ने हमारी जिंदगी को कितना सरल व सहज बना दिया है कि पल भर में ही बहुत से काम हो जाते हैं. आज हम तकनीक के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. तकनीकियों के बिना हमारी जिंदगी अधूरी है.
इस अधूरेपन को अगर कोई पूरा कर सकता है, तो वो केवल तकनीक ही है. कृषि क्षेत्र भी इन तकनीकियों से अछूता नहीं है. सिंचाई से लेकर बुआई व कटाई तक की प्रक्रियाओं में तकनीकियों की दस्तक ने किसान भाइयों के हर काम को सरल कर दिया है. इस लेख में पढ़ें किसानों के लिए लाभकारी ऐसी ही तकनीकी जानकारी के बारे में.
किसान खुद कर सकेंगे मृदा परीक्षण
सब कुछ तय प्रक्रियाओं के मुताबिक हुआ तो हमारे किसान भाइयों को अपनी मिट्टी की जांच करवाने के लिए मृदा स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाना होगा, बल्कि वे अपने खेत की मिट्टी की जांच अपने मोबाइल फोन से ही कर सकते हैं. इससे उनको ये पता चलेगा कि इस मिट्टी में कौन-सी फसल का उत्पादन उपयुक्त रहेगा. और कितनी मात्रा में पोषक तत्वों और खाद आदि का उपयोग करना होगा.
पहले इन सब बातों की जानकारी प्राप्त करने हेतु किसान भाइयों को मृदा स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब यह सारा काम आपका स्मार्ट फोन ही कर देगा. इस दिशा में वैज्ञानिकों की टीम काम कर रही है.वो लगातार मोबाइल में ऐसी तकनीक विकसित कर रही है, जिससे हमारे किसान भाई मोबाइल से अपनी मिट्टी की जांच कर सकते हैं.
वैज्ञानिकों के शोध के बारे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शोध करने वाली टीम ने इमेज आधारित मिट्टी की कार्बेनिक यानी इमेज बेस्ड सॉयल ऑर्गेनिक मेटर की जांच करने पर पाया कि यह सभी किसानों के लिए आगामी दिनों में काफी उपयोगी साबित हो सकती है. किसान भाई व्यापक स्तर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. यह उनके काम को सरल व सहज बनाएगा.
कैसे विकसित की गयी यह तकनीकी
इस शोध को तैयार करने के लिए पश्चिम बंगाल के तीन अलग-अलग जलवायु क्षेत्रों की मिट्टी के नमूनों की जांच की गई. इसके बाद मिट्टी के रंग में जो परिवर्तन आया, उसका विशलेषण किया गया, ताकि एसओएम की स्थिति को मापने के लिए मॉडलिंग का उपयोग किया जा सकें. यह मिट्टी के पोषक तत्वों के स्तर, मिट्टी की गुणवत्ता व उनसे जुड़ी विशेषता का निर्धारण करने में उपयोगी साबित होता है.
तेजी से होगी मिट्टी की जांच
इसके साथ ही मोबाइल से मिट्टी की जांच का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि किसान भाइयों की जहां एक ओर समय व श्रम की बचत होगी, तो वहीं उनकी कृषि संबंधित गतिविधियों में एक रफ्तार देखने को मिलेगी, जिसका फायदा किसानों को मिलेगा. यह पहल आगामी वर्ष २०२२ तक किसानों की आय दुगुनी करने के उद्देश्य की पूर्ति में भी सहायक होगी.
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