केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कश्मीर प्रवास के दौरान श्रीनगर में केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी शोध संस्थान का दौरा किया. इस अवसर पर उनके साथ राज्य मंत्री भी शामिल थे, जिनमें राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे व कैलाश चौधरी तथा जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के सलाहकार डॉ. फारूख खान भी उपस्थित थे.
बता दें संस्थान ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में सेब दिवस का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि तोमर ने संस्थान द्वारा शोध क्षेत्र में किये गए सघन बागवानी प्रयोग की सराहना करते हुए इसे आगे बढ़ाते हुए अधिकाधिक किसानों के साथ जोड़ने का आह्वान किया.
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने क्या कहा (What Agriculture Minister Narendra Singh Tomar Said)
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत आने वाले इस केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी शोध संस्थान में मुख्य अतिथि तोमर ने ग्रामीण कृषि मौसम सेवा योजना के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, बारामूला में स्थापित स्वचालित कृषि मौसम स्टेशन, कृषि समुदाय को अधिक सटीकता के साथ कृषि सलाहकार सेवाएं जारी करने के लिए समर्पित किया.
कार्यक्रम में तोमर ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है. उन्होंने किसानों से उत्पादकता बढ़ाने, कृषि को अधिक लाभदायक उद्यम बनाने और बेहतर जीवनस्तर के लिए प्रौद्योगिकी के बेहतर अनुप्रयोग के लिए अपील की.
वैज्ञानिक नीतियों पर विशेष जोर दिया (Special Emphasis On Scientific Policies)
सेब दिवस पर सेब की 126 किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका उद्घाटन तोमर ने किया. भाकृअनुप के उप महानिदेशक (बागवानी) डॉ. आनंद कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला एवं भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए वैज्ञानिक सामरिक्ता पर विशेष जोर दिया. इसके साथ ही संस्थान के निदेशक डॉ. ओम चंद शमाय ने बताया कि संस्थान ने अखरोट अनुसंधान में भी अग्रणी भूमिका निभाई है और कई विशिष्ट जीनोटाइप का चयन किया है. पिछले दशक के दौरान संस्थान ने जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश, तमिलनाडु आदि राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों को लगभग साढ़े चार सौ हेक्टेयर क्षेत्र में लगभग 70 हजार पौधों की आपूर्ति की है.
कृषि क्षेत्र से सम्बंधित ऐसी ही खबरें पढ़ने के लिए कृषि जागरण हिंदी पोर्टल से जुड़े रहिए.
Share your comments