राजस्थान के भीलवाड़ा में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, राज्य सरकार आने वाले 5 महीने तक मजदूर, ऑटो-रिक्शा चालक, कुली, पानवाला, बाई, वेण्डर, होटल वेटर, बैंड, ढोल वादक, कोरोना प्रभावित श्रमिकों सहित करीब 37 श्रेणी के लोगों को मुफ्त गेहूं और चना की दाल देने वाली है. इसके लिए ई-मित्र के जरिए पंजीकरण भी शुरू हो गया है. बता दें कि सरकार की इस योजना से भीलवाड़ा जिले के उन लोगों के राहत मिल पाएगी, जो खाद्य सुरक्षा से वंचित हैं. इसके साथ ही बेसहारा और जरूरतमंद परिवारों को घर बैठे मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध होगा.
अभी राज्य सरकार पंजीकृत परिवारों और प्रवासियों को आत्म निर्भर योजना के तहत मुफ्त में प्रति यूनिट 5 किलो गेहूं दे रही है, साथ ही हर राशन कार्ड धारक को 1 किलो चने की दाल दे रही है. केंद्र सरकार की घोषणा के बाद राज्य में खाद्य सुरक्षा से वंचित बेसहारा और जरूरतमंद को आने वाले 5 महीने तक गेहूं और चने की दाल दी जाएगी. इसके लिए सरकार ने ई-पंजीकरण शुरू करा दिया है. इसके बाद सरकार पात्र परिवार और व्यक्तियों का चयन करेगी. यह सर्वे आगामी 3 अगस्त तक चलेगा.
ऐसे होगा सर्वे
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जिले में ई-मित्र और ई-मित्र मोबाइल एप से सर्वे किया जाएगा.
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ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत स्तरीय कोर ग्रुप द्वारा सर्वे होगा.
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शहरी क्षेत्र में नगरीय निकाय और बीएलओ के माध्यम से सर्वे होगा.
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उपलब्ध सूचना के आधार पर सर्वे और पंजीयन की कार्यवाही की जाएगी.
ऐसे होगा पंजीकरण
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सर्वे के दौरान पात्र व्यक्तियों और परिवारों से उनके व्यवसाय और आजीविका की सूचना प्राप्त की जाएगी.
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मोबाईल एप या ई-मित्र पर व्यवसाय और आजीविका की सूची उपलब्ध रहेगी.
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राज्य में सर्वे के वक्त परिवारों से सूचना प्राप्त करते समय उचित मूल्य की दुकान से मैपिंग का काम किया जाएगा.
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जिनका सर्वे पहले ही किया जा चुका है, उन्हें सर्वे की आवश्यकता नहीं होगी.
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ये होंगे पात्र
इस सुविधा का लाभ फुटवीयर मरम्मत, पालिश, घरों में साफ सफाई, खाना बनाने वाले, हैयर सैलून, कपड़े धुलाई, प्रेस करने, वेटर व रसोईया, रद्दी बीनने वाला, कमठाणा मजदूर, फेरी लगाने वाले, रिक्शा व ऑटो चालक, धार्मिक काम करने वाले लोगों को दिया जाएगा. इसके अलावा निजी परिवहन के केटरिंग, सिनेमा कर्मी, विवाह समारोह में काम करने वाले, पर्यटन गाइड, ड्राइवर, परिचालक, मैरिज पैलेस, गाडोलिया लुहार, बुक बाइण्डर, प्रिंटर कर्मी, टाचर पंचर बनाने वाले, घुमन्तु-अघुमन्तु, झूले वाले, लोक कलाकार, खेल तमाशा दिखाने वाले, कुली, हमाल, मिट्टी के बर्तन बनाने वाले, ईंट भट्टों के श्रमिक, पुताई का काम करने वाले, पत्तल-दोने बनाने का काम करने, नगीने, आभूषण और चूडियों का काम करने वाले लोगों को लाभ दिया जाएगा.
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