किसानों ने मोदी को याद करवाए पुराने वादे
नए कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लेने वाले किसान अब मोहब्बत और प्रेम की दुहाई देते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल किसान नेता, मोदी को उनके पुराने वादे याद दिला रहे हैं. किसानों का कहना है कि मोदी कहते हैं कि हम उनके दिलों में बसते हैं. अगर आम लोगों को वैक्सीन लग सकती है, तो बॉर्डर पर बैठे प्रदर्शनकारी किसानों को क्यों नहीं.
क्या हमारी हालत देखकर भी प्रधानमंत्री का दिल नहीं पसीज रहा. ऐसे में किसान नेता हन्ना मौला ने केंद्र सरकार से मांग की है कि बॉर्डर पर बैठे सभी किसानों का मुफ्त में वैक्सीनेशन होना चाहिए.
महामारी के दौरान भी बॉर्डर पर डटे हैं किसान
संयुक्ता किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र के नवीनतम कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को तेज करने के लिए फसल कटाई के मौसम के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने दिल्ली की ओर रुख करना शुरू कर दिया है. ऐसे में किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के पास प्रदर्शनकारी किसानों के साथ गतिरोध को तोड़ने का एक ही तरीका है, विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने वाला कानून पारित किया जाए.
4% किसानों ने अपनाए स्थायी खेती के तौर तरीके
ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के एक अध्ययन के अनुसार चार प्रतिशत से भी कम भारतीय किसानों ने स्थायी खेती के तौर तरीकों और प्रणालियों को अपनाया है. खाद्य और भूमि उपयोग गठबंधन द्वारा अध्ययन में पाया गया है कि भविष्य में खेती की आय में सुधार के लिए Sustainable Agriculture को बढ़ावा देना काफी महत्वपूर्ण होगा.
अधिक जानकारी के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/XFgMTnulX5c
स्वामित्व योजना से किसानों को मिलेगा डबल मुनाफा!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर दोपहर 12 बजे के अंतर्गत ई-संपत्ति Cards के वितरण का शुभारंभ किया, इस मौके पर 4.09 लाख संपत्ति मालिकों को उनके ई-संपत्ति कार्ड दिए गए. साथ ही देश भर में स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत भी की गई. आपको बता दें इस कार्ड से संपत्ति के मालिक को उसका मालिकाना हक आसानी से मिल सकेगा, अगर आप भी इस कार्ड का लाभ लेना चाहते हैं तो जल्द ही पंचायती राज मंत्रालय के ई-ग्राम स्व राज पोर्टल पर विजिट करें.
किसान मानधन योजना है बेहद फायदेमंद
किसान मानधन योजना उन किसान भाइयों के लिए शुरू की गई है, जो 60 वर्ष की सीमा को पार कर चुके हैं. जिसके तहत किसानों को हर साल 36 हजार रूपए प्रदान किए जाते हैं. इसके लिए आपको बस 18 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष तक निरंतर 55 रूपए जमा कराने होंगे. अगर आप 30 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं, तो आपको प्रतिमाह 110 रूपए जमा कराने होंगे. वहीं, 40 साल की उम्र के बाद आपको 200 रूपए जमा कराने होंगे. इस तरह से जब आप 60 साल तक ऐसा करते रहेंगे, तो फिर आपको प्रतिमाह 3 हजार रूपए प्रदान किए जाएंगे, इस तरह किसान 36 हजार रूपए का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि इस योजना का लाभ महज वहीं किसान उठा सकते हैं, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है.
मार्केट में बढ़ी चेरी की डिमांड
हिमाचल प्रदेश के शिमला की ढली मंडी में चेरी की धमाकेदार एंट्री हुई है. शुरुआत में ही चेरी 250 रुपये प्रति किलो के दाम से बेची जा रही हैं. शिमला जिले के कोटगढ़ से चेरी की खेप मंडी पहुंची. यहां चेरी को 150 से अधिकतम 250 रुपये प्रति किलो तक दाम मिले. आमतौर पर सीजन की शुरुआत में चेरी 150 से 200 रुपये प्रति किलो के थोक रेट पर बिकती है, लेकिन इस साल डिमांड अधिक होने के चलते शुरुआत में ही 250 रुपये प्रति किलो के दाम पर बेची जा रही हैं.
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