कई लोगों के अपने घर की किचन गार्डन में सब्जियां उगाने का बहुत शौक होता है. अगर आप भी किचन गार्डेन में सब्जियां उगाने का शौक रखते हैं, लेकिन पानी, हवा, धूप समेत कई पोषक तत्वों की पूर्ति में कमी के कारण पौधे विकसित नहीं हो पा रहे हैं, तो आज हम आपके लिए एक ऐसी तकनीक बताने जा रहे हैं,
इससे आप अपने किचन गार्डेन में बहुत आसानी से सब्जियां उगा सकते हैं. दरअसल, इस तकनीक को कानपुर के ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन स्कूल के 11वीं के छात्र प्रांजल सिंह ने तैयार किया है. छात्र ने कृत्रिम पारिस्थितिकी यंत्र बनाया है. बता दें कि प्रांजल के पिता प्रदीप सिंह सब इंस्पेक्टर हैं और मां शीला सिंह गृहिणी हैं, तो आइए आपको इस यंत्र के बारे में जानकारी देते हैं.
क्या है कृत्रिम पारिस्थितिकी यंत्र
यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) तकनीक से पौधों में पोषक तत्वों की पूर्ति करता है. छात्र का कहना है कि इस यंत्र की मदद से पौधे को मांग के अनुसार कृत्रिम धूप, पानी और तापमान समेत कई पोषक तत्व दिए जा सकते हैं. इस यंत्र में कई तरह के सेंसर लगे हैं, जिसमें हीट सिंक और एलईडी लाइट लगी है. यह सेंसर के अनुसार पौधे को कृत्रिम धूप और तापमान देता है. इसके साथ ही मिट्टी में पानी की कमी के लिए स्वाइल मॉइश्चर सेंसर लगा है, जो कि पानी की कमी होने पर काम आता है. दरअसल, डिवाइस में लगा पंप रिले वॉटर टैंक से आवश्यकता पड़ने पर पौधे को पानी देता है. इसके अलावा डिवाइस में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सेंसर और डिस्प्ले है, जो कि हवा की गुणवत्ता की जानकारी देता है. जब हवा के प्रदूषित हो जाती है, तो इस यंत्र में लगा बाइक एयर फिल्टर हवा को सुरक्षित कर देता है.
छात्र ने बताया है कि इस यंत्र में मिट्टी की गुणवत्ता जानने के लिए स्वाइल न्यूट्रीशन सेंसर लगा है. जब मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होती है, तो यह यंत्र डिस्प्ले पर दर्शाने लगता है. इसके बाद तत्व को मिट्टी में मिला सकते हैं.
किसानों के लिए उपयोगी
इस मॉडल का प्रयोग किसान खेतों में आसानी से कर सकते हैं. इस मॉडल के प्रोटोटाइप को एग्री इंडिया हैकथॉन में प्रदर्शित किया गया है. इसमें आईओटी एंड सेंसर फॉर एग्रीकल्चर श्रेणी में 18वीं रैंक आई है.
32 भाषाओं में है ऐप
खास बात यह है कि इसका संचालन करने के लिए 32 भाषाओं में एक ऐप भी बनाया गया है. इसके पेटेंट के लिए जल्द ही आवेदन किया जाएगा.
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